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इस स्कूल में दो ही प्रवक्ता थे, वे भी बदल डाले, विधायक रीता धीमान के खिलाफ लगे मुर्दाबाद के नारे
Last Updated on September 7, 2022 by sintu kumar
इंदौरा/रविंद्र चौधरी। एक तरफ तो सरकार प्रदेश में शिक्षा के ढांचे को मजबूत करने की बात कहती है, दूसरी सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी चली हुई है। ऐसे में छात्रों (Students) के भविष्य का भगवान ही मालिक है। इससे साबित होता है कि सरकार के सारे दावे खोखले ही हैं। इसी तरह का हाल शिक्षा खंड इंदौरा (Shiksha Khand Indora) के तहत आने वाले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पराल (Senior Secondary School Paral) का है। इस स्कूल को सरकार ने दसवीं से 12वीं तक अपग्रेड (Upgrade) तो कर दिया, मगर स्टाफ ही उपलब्ध नहीं करवाया। बीते सत्र में छात्रों की पढ़ाई के लिए 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए मात्र एक प्रवक्ता और प्रिंसीपल ही नियुक्त था। मगर इस सप्ताह दोनों अपनी बदलियां करवाकर घर के पास वाले स्कूलों में चले गए हैं।
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इस संबंध में स्थानीय पंचायत के उपप्रधान अरुण कुमार (Arun Kumar) व एसएमसी कमेटी की प्रधान शारदा देवी की मौजूदगी में 150 ग्रामीणों ने स्कूल गेट के सामने खड़े होकर धरना दे दिया और इस दौरान गुस्साए ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक रीता धीमान के खिलाफ जमकर मुर्दाबाद के नारे लगाए। (shout slogans) । लोगों ने मौजूदा विधायक के खिलाफ रोष जताया। उन्होंने कहा कि आसपास के स्कूलों में स्टाफ पूरा है मगर इसी स्कूल में टोटा चल रहा है।
जो कुछ स्टाफ था उसे भी विधायक ने डीडीओ नोट (DDO Note) लगाकर उनकी बदलियां उनके घर के पास वाले स्कूलों में कर दीं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि 14 सितंबर तक यहां स्टाफ उपलब्ध नहीं करवाया तो 15 तक स्कूल में ताला जड़ देंगे। ग्रामीणों ने रोष जताया कि क्या पराल स्कूल इंदौरा में नहीं आता है। इस स्कूल में लगभग 100 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। साधन संपन्न लोगों ने तो अपने बच्चे निकाल कर आसपास के स्कूलों में दाखिल करवा दिए हैं मगर गरीब आदमी कहां जाए। यह मामला कई बार विधायक के सामने रखा गया, मगर आज तक कुछ नहीं किया गया। ग्रामीणों (villagers) ने चेताया कि इसका खामियाजा सरकार को चुनावों में भुगतना पड़ेगा।