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शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पीएचडी में दाखिले को लेकर छात्र संगठन मुखर हो गए हैं। शनिवार को विश्वविद्यालय में ईसी की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे सदस्यों का घेराव कर पीएचडी में दिए गए दाखिलों को रद्द करने की मांग की। छात्र संगठन एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के कुलपति अपने बेटे को पीएचडी में नियमों को ताक पर रखकर प्रवेश दे रहे हैं जो बिल्कुल गलत है। जबकि आम छात्र जो सुबह से लेकर रात तक पीएचडी में दाखिले को लेकर तैयारियां कर रहे और काफी लंबे समय से इंतजार में बैठे थे, उनके साथ बड़ा धोखा किया गया है।
एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष वीनू मेहता ने कहा कि काफी समय से एनएसयूआई विश्वविद्यालय में वीसी सहित अन्य अधिकारियों के बच्चों व रिश्तेदारों को पीएचडी में दिए गए दाखिले को विरोध कर रहा है। आज ईसी की बैठक में जितने भी सदस्य आये हैं, उनको मांग पत्र सौंपा गया और इसे जल्द रद्द करने और ईआरपी सिस्टम को सुदृढ़ करने की मांग की गई। वीनू मेहता ने कहा कि ईआरपी सिस्टम को निजी हाथों में दिया गया है और छात्र वेबसाइट तक नहीं खुलती है। उन्होंने कहा कि यदि मांगों को जल्द पूरा नही दिया गया तो वीसी को विश्वविद्यालय में नहीं आने दिया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय का भगवा करण किया जा रहा है, जो बिल्कुल ग़लत है।
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