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नूरपुर के अस्पताल को है इलाज की जरूरत, प्राइवेट से इलाज करा रहे हैं मरीज
Last Updated on October 9, 2023 by Soumitra Roy
नूरपुर। डॉक्टरों की कमी से पहले ही जूझ रहा यहां का 200 बिस्तरों वाला सिविल अस्पताल (Nurpur Civil Hospital) अब रेडियोलॉजिस्ट (Radiologist) की कमी से मरीजों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। एक ओर जहां अस्पताल में लाखों की मशीनें धूल खा रही हैं, वहीं रेडियोलॉजिस्ट की कमी के कारण विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को गर्भस्थ शिशु की जांच करवाने के लिए निजी अस्पतालों में भटकना पड़ रहा है।
सबसे ज्यादा परेशानी आयुष्मान कार्ड धारक बीपीएल और गरीब परिवारों (BPL And Poor Families) को हो रही है। उन्हें अपनी जेब से फीस अदा कर जांच करवानी पड़ रही है। नूरपुर अस्पताल में डॉक्टरों के 34 स्वीकृत पद हैं, जबकि वर्तमान में महज 23 डॉक्टर कार्यरत हैं। नूरपुर हल्के के चार विधानसभा क्षेत्रों- नूरपुर, फतेहपुर, इंदौरा, ज्वाली के अलावा भटियात के मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) न होने से मरीजों को निजी अस्पताल, या 80 किलोमीटर दूर टांडा मेडिकल कॉलेज (Tanda Medical Collage) का रुख करना पड़ता है।
इन डॉक्टरों के हुए तबादले, आया कोई नहीं
कुछ माह पूर्व स्त्री रोग विशेषज्ञ का भी यहां से तबादला हो गया है। अब महिलाओं को स्त्री रोग के लिए फिर निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ेगा। बाल रोग विशेषज्ञ को भी यहां से खेरियां स्थानांतरित कर दिया गया है। लोग अपने बीमार बच्चों को इलाज के लिए नूरपुर से 15 से 20 किलोमीटर दूर ले जा रहे हैं। त्वचा रोग विशेषज्ञ (Skin Specialist) का पद भी पिछले साल से खाली है। गौरतलब है कि हाल में हिमाचल सरकार मंत्री के हल्के में चार नए विशेषज्ञ डॉक्टर नियुक्त किए हैं। नूरपुर के बीजेपी विधायक रणबीर सिंह का कहना है कि काफी समय में चल रहे इन रिक्त विशेषज्ञों का मुद्दा सरकार के समक्ष रखा जाएगा। उनका कहना है कि पहले इस मामले में किसी भी विधायक ने जनहित में कदम उठाया होता तो अभी यह समस्या नहीं आती।