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शरीर के इस हिस्से को टारगेट करता है ओमीक्रान, बरतें ये सावधानी
Last Updated on December 31, 2021 by saroj patrwal
दुनिया भर में अभी कोरोना (Corona) का कहर खत्म नहीं हुआ है। वहीं, अब कोरोना कका नया वेरिएंट ओमीक्रान (Omicron Variant) भी अब भारत समेत कई अन्य देशों में अपने पैर पसार रहा है। देश में ओमीक्रान वेरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह वेरिएंट देश में अब तक 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैल चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि तेजी से फैलने वाला ये नया वेरिएंट ज्यादा खतरनाक नहीं है।
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गौरतलब है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर यानी डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) ने जब दुनिया में कहर बरपाया था तो विशेषज्ञों का दावा था कि डेल्टा वेरिएंट लोगों के फेफड़ों पर सबसे ज्यादा असर कर रहा है। ऐसे में जब देश में ओमीक्रान की शुरुआत हुई है तो लोग ओमीक्रान को लेकर कई सवाल कर रहे हैं। लोगों को ये समझ नहीं आ रहा है कि कोरोना का ये वेरिएंट शरीर के किस हिस्से को टारगेट करता है।
ऐसे असर करता है ओमीक्रान
विशेषज्ञों का कहना है कि अब तक सामने आए ज्यादातर ओमीक्रोन के मामले में बहुत माइल्ड नेचर की डिजीज सामने आ रही है। उन्होंने बताया कि कई मरीजों में लंग्स में पैचेज देखने को मिले हैं, लेकिन कोई बड़ा नुकसान अभी नहीं हो रहा है। हालांकि, डेल्टा में भी शुरुआत में इतनी सीरियस डिजीज नहीं देखी गई थी, जबकि बाद में सीरियस नेचर के केस की संख्या ज्यादा उभरकर सामने आई।
किसको ज्यादा प्रभावित कर रहा है ओमीक्रोन
विशेषज्ञों का कहना है कि ये वेरिएंट हर आयु वर्ग को प्रभावित कर रहा है। साउथ अफ्रीका में ओमीक्रान बच्चों को भी प्रभावित कर रहा है। उन्होंने बताया कि शुरुआती डाटा का आकलन करने के बाद पता चला है कि अब तक केवल अनवैक्सीनेटेड (Unvaccinated) लोगों की ही मौत हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति वैक्सीनेटेड है तो शायद ही उसको यह वेरिएंट हानि पहुंचाएंगा। हालांकि, ये ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं होगी।
ऑक्सीजन की पड़ रही है जरूरत
विशेषज्ञों का कहना है कि ये अभी बहुत कम केस में हुआ है कि ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। शुरू के 2 हफ्तों में कहा जा रहा था कि ये बिल्कुल जीरो के बराबर है। जबकि, भारत में जितने भी केस रिपोर्ट हुए हैं उनमें बहुत ही कम संख्या में ऑक्सीजन लेवल कम होना या डेथ होना रिपोर्टेड हुआ है। भारत में ज्यादातर केस माइल्ड हैं, जिन्हें घर पर ही मैनेज किया जा रहा है।
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