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हमीरपुर में बिजली की आंखमिचौली, विभाग ओवरलोडिंग और ट्रांसफार्मर जलने का बना रहा बहाना
Last Updated on December 26, 2022 by Vishal Rana
हमीरपुर। हिमाचल के नए बने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) के गृह क्षेत्र हमीरपुर में बार बार बिजली गुल होने से जनता खासी परेशान है। लोगों का कहना है कि सुबह के समय पिछले आठ दिन से बिजली गुल हो जाती है। जब इस बारे में विद्युत विभाग (Electrical Department) से शिकायत की गई तो, बिजली विभाग कभी ट्रांसफार्मर जलने तो कभी ओवरलोडिंग (Overloading) का बहाना बनाकर अपना पल्ला झाड़ लेता हैं। बता दें कि शहर के मिडिल बाजार की हालात और भी ज्यादा खराब है। यहां बस स्टैंड के इर्द-गिर्द शिव मंदिर के पास प्रताप गली में रोज पावर कट लग रहे हैं। सोमवार सुबह भी बिजली के आने-जाने का सिलसिला जारी रहा।
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बिजली बोर्ड (Electricity Board) के कर्मचारियों को बिजली के आने जाने के बारे में भी पता नहीं चल रहा है। यही हाल पूल्ड और पीडब्ल्यूडी कॉलोनी के आसपास के हैं। वहीं जब लोगों ने बिजली बोर्ड से इसकी शिकायत (Complaint) की तो उन्होंने कहा कि फ्री में बिजली देने की वजह से खपत ज्यादा हो रही है। जिसका असर सीधा ट्रांसफार्मर पर पड़ रहा है, क्योंकि उनकी क्षमता कम है। असल बात यह है कि ट्रांसफार्मर हर दूसरे-चौथे दिन जल जाता है। केबल लाइनें भी पुरानी हो गई हैं और उनकी रिप्लेसमेंट कब होगी, इस पर भी कोई योजना पिछले कई सालों से काम नहीं कर पाई है।
अस्पतालों में लग रही लंबी लाइनें
बिजली की आंखमिचौली का खामियाजा अस्पताल में इलाज करवाने आने वाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है। बिजली जाने से अस्पतालों में पर्ची तक नहीं बन पा रही है। जिससे पर्ची बनवाने वालों की लंबी लंबी लाइनें लग रही हैं। बता दें कि आजकल अस्पतालों में पर्ची ऑनलाइन बनती है। लेकिन बिजली गुल होने से यह काम भी ठप्प हो जा रहा है।
ट्रांसफार्मर बदले जा रहे
हमीरपुर बिजली बोर्ड के एसडीओ (SDO) अश्विनी कुमार ने बताया कि 2.3 ट्रांसफार्मर तत्काल बदले जाएंगे। मिडिल बाजार में स्थित एक ट्रांसफार्मर तो एक.दो दिनों में बदलना जरूरी हो गया है और इसे बदलने का प्रोसेस भी शुरू कर दिया गया है। शहर में बिजली की शिकायतों के निवारण के लिए जितने कर्मचारी तैनात किए गए हैं, उनसे काम नहीं चल रहा है। क्योंकि सुबह के समय केवल 2 ही कर्मचारी शहर में होते हैं। ऐसी स्थिति में फॉल्ट ढूंढना और शिकायतों का निवारण करना मुश्किल हो रहा है।