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पुलिस भर्ती पेपर लीक मामलाः पुलिस अधिकारी भी शक के दायरे में , चार्जशीट एक सप्ताह में
Last Updated on June 27, 2022 by sintu kumar
शिमला। हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल लिखित परीक्षा पेपर लीक मामले ( Himachal Pradesh Police Constable Paper Leak Case)में हिमाचल प्रदेश पुलिस ने अब तक कुल 171 आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली है। इनमें 116 अभ्यर्थी, 9 अभिभावक और अन्य पेपर लीक करने वाले गिरोह से जुड़े लोग शामिल हैं। सोमवार को हिमाचल प्रदेश पुलिस मुख्यालय में डीजीपी संजय कुंडू ( DGP Sanjay Kundu) ने पहली बार इस प्रकरण पर मीडिया से रूबरू हुए। उनके साथ इस मामले में गठित एसआईटी प्रमुख मधुसूदन भी थे। एसआईटी प्रमुख मधुसूदन ने कहा कि इस मामले में पुलिस अधिकारियों की मिली भगत से इनकार नहीं किया जा सकता। एसआईटी ( SIT)एक सप्ताह के भीरत चार्जशीट दाखिल करेगी। साथ ही राज्य सरकार से आग्रह किया जाएगा कि धारा 420 में संशोधन किया जाए और राजस्थान की तर्ज पर सख्त कानून बने।
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डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पुलिस की ओर से गठित एसआईटी ने बेहतरीन काम करते हुए 171 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और अभी-भी मामले में कई और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना बाकी है।
संजय कुंडू ने कहा कि पेपर लीक मामले से जुड़े आरोपी राष्ट्रीय स्तर का गिरोह है। इन आरोपियों ने ना केवल हिमाचल प्रदेश में पेपर लीक किया बल्कि 10 राज्यों में पेपर लीक किए हैं। इन आरोपियों का संबंध राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली से है। डीजीपी संजय कुंडू के अनुसार आरोपी पेपर छपाई करने वाली प्रेस से पेपर लेते थे और परीक्षा से चंद दिनों पहले ही कोचिंग सेंटर के माध्यम से अभ्यर्थियों से संपर्क स्थापित करते हैं। संपर्क स्थापित होने के बाद अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र रटाया जाता है। इस तरह यह आरोपी ना केवल हिमाचल प्रदेश में सक्रिय रूप से काम कर रहे थे बल्कि अन्य राज्यों के सरकारी पेपरों में भी इनकी आपराधिक संलिप्तता है।
उन्होंने कहा कि 27 मार्च को ही पुलिस कांस्टेबल लिखित परीक्षा में करीब 75 हजार अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। इनमें से कई 116 अभ्यर्थियों को पुलिस ने पेपर लीक मामले में आरोपी पाया गया है। हालांकि अभी मामले की जांच जा रही है। इसमें और भी अभ्यर्थियों पर पेपर लीक में शामिल होने का शक है। यह 116 अभ्यर्थी 3 जुलाई को होने वाली लिखित परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश सरकार मामले को सीबीआई को सौंपने की बात कह चुकी है, लेकिन अब तक सीबीआई की ओर से मामले में जांच शुरू नहीं की गई है। सीबीआई को प्रदेश सरकार की ओर से रिमाइंडर लेटर भी लिखा गया है।