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बड़ी खबर : Himachal में बसें चलाने को लेकर निजी ऑपरेटरों का बड़ा फैसला- जानिए
शिमला। हिमाचल (Himachal) में कल से एचआरटीसी (HRTC) की बसें तो चलेंगी पर निजी बसें कम ही सड़कों पर दौड़ती नजर आएंगी। क्योंकि हिमाचल निजी बस ऑपरेटर यूनियन (Himachal Private Bus Operators Union) ने फैसला लिया है कि जब तक सरकार उनकी पूरी मांगों नहीं मान लेती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। वहीं, निजी बस ऑपरेटर यूनियन ने सरकार से समन्वय स्थापित करने के लिए सिरमौर निजी बस ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष मामराज शर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। बता दें कि हिमाचल निजी बस ऑपरेटर की एक बैठक प्रधान राजेश पराशर की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में सभी जिला की यूनियन ने भाग लिया। बैठक में यह तय किया गया कि जब तक सरकार द्वारा बस ऑपरेटर की मांगों को पूर्ण रूप से नहीं माना जाता, तब तक हड़ताल (Strike) जारी रहेगी और भविष्य में इसे और भी उग्र कर दिया जाएगा। इस बारे बैठक में सभी जिला की यूनियन के प्रधानों ने एकमत से प्रस्ताव पारित किया।
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हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने कहा कि निजी बस ऑपरेटर की राय है कि सरकार द्वारा निजी बस ऑपरेटर को बेवकूफ बनाया गया, जबकि कोई भी ऐसा फैसला बस ऑपरेटर के हित में नहीं लिया, जिससे कि बस अब ऑपरेटर को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बस ऑपरेटर की हड़ताल भी जारी रहेगी तथा कमेटी सरकार के साथ समन्वय (Coordination) बनाने का प्रयास भी करेगी। गौरतलब है कि हिमाचल के निजी बस ऑपरेटर 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। बसें ना चलने से हिमाचल सरकार को एक दिन में ही करोड़ों रुपए का नुकसान होता है, क्योंकि प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर प्रत्यक्ष रूप से एसआरटी एवं टोकन टैक्स तो सरकार को देते ही हैं, वहीं इसके अतिरिक्त डीजल, स्पेयर पार्ट्स, टायर, रबड़ तथा अन्य चीजों पर भी अप्रत्यक्ष रूप से कई तरह के टैक्स अदा करते हैं। जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हिमाचल कैबिनेट (Himachal Cabinet) की 11 जून को हुई बैठक में ट्रांसपोर्ट सेक्टर (Transport Sector) को लगभग 40 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की है, जिसके अंतर्गत स्टेज कैरिज ऑपरेटरों के लिए कार्यशील पूंजी पर ब्याज अनुदान योजना शामिल है। इसके तहत प्रति बस 2 लाख रुपये की ऋण राशि और अधिकतम 20 लाख रुपये तक की ऋण राशि बस ऑपरेटरों को कार्यशील पूंजी के रूप में प्रदान की जाएगी। ऋण (Loan) की अवधि 5 वर्ष के लिए होगी, जिसमें एक वर्ष अधिस्थगन अवधि का होगा। इसके अंतर्गत 75 प्रतिशत ब्याज अनुदान रहेगा, जिसका भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। दूसरे वर्ष में ब्याज पर 50 प्रतिशत का ब्याज अनुदान दिया जाएगा, जो राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इस योजना पर सरकार की ओर से करीब 11 करोड़ रुपए की राहत प्रदान की गई है। पर यह राहत निजी बस ऑपरेटरों को नाकाफी लग रही है। इसलिए हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है।
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बैठक में जिला शिमला के महासचिव अतुल चौहान, रामपुर प्रधान मनीष शर्मा तथा सचिव छोल्टा, सोलन से सलोनी बस ऑपरेटर यूनियन के प्रधान जोनी मेहता, नालागढ़ से मनोज राणा, हमीरपुर से भारत भूषण कपिल, विजय, मनोज, कांगड़ा से शिवराम चौधरी, अंशु बलोरिया, प्रवीण दत्त शर्मा जिला कांगड़ा वेलफेयर सोसायटी के प्रधान रवि दत्त शर्मा, मुन्ना वालिया, संजय भाटिया, सचिन चड्ढा, चंबा से प्रधान रवि महाजन, जिला सोलन से सुनीता कपलेश, सिरमौर से मामराज शर्मा, अखिल शर्मा, भागीरथ शर्मा, बिलासपुर से राजेश पटियाल, अनिल मिंटू, राहुल चौहान, मंडी से सुरेश ठाकुर, हंस ठाकुर, गुलशन दीवान और प्रदेश के सभी जिलों के निजी बस ऑपरेटर उपस्थित थे।
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