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HP Weather : हिमाचल में बारिश-बर्फबारी ने तोड़े कई रिकॉर्ड, कल भी सताएगा मौसम
शिमला। हिमाचल में अप्रैल माह में हो रही बारिश और बर्फबारी (Rain And Snowfall) ने एक बार फिर लोगों को गर्म कपड़े पहनने पर मजबूर कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार मध्य और उच्च पर्वतीय जिलों में शनिवार को भी हल्की बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान है। हालांकि मैदानी जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और कांगड़ा में शनिवार को मौसम साफ रहेगा। मध्य पर्वतीय जिलों शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, कुल्लू, चंबा और उच्च पर्वतीय जिलों किन्नौर व लाहुल स्पीति में रविवार से मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। 25 से 27 अप्रैल तक पूरे प्रदेश में धूप खिलने की संभावना है। 28 और 29 अप्रैल को एक बार फिर मध्य और उच्च पर्वतीय जिलों में बारिश की संभावना जताई है। शुक्रवार को राजधानी शिमला (Shimla) सहित प्रदेश भर में दोपहर तीन बजे तक झमाझम बारिश हुई। किन्नौर और लाहुल में हिमखंड गिरने से लाहुल में चंद्रा नदी का बहाव तीन घंटे रुक गया। मनाली-लेह, आनी-कुल्लू और शिमला-किन्नौर नेशनल हाईवे बंद रहे। मनाली के साथ सोलंगनाला, नेहरु कुंड, हिडिंबा मंदिर के आसपास भी फाहे गिरे हैं।
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हिमाचल में शुक्रवार को भूस्खलन (Landslide) से करीब नौ करोड़ का नुकसान हुआ है। वहीं प्रदेश के कई क्षेत्रों में बिजली गुल रही, जिससे लोगों को काफी परेशानी भी हुई। प्रदेश में तीन नेशनल हाईवे समेत 250 से ज्यादा सड़कें बंद हैं। पांगी और लाहुल घाटी (Lahul Vally) का संपर्क कट गया है। प्रदेश में बागवानों-किसानों, जलशक्ति विभाग, बिजली बोर्ड, पीडब्ल्यूडी (PWD) को करोड़ों के नुकसान का अनुमान है। शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन भी भारी बारिश-बर्फबारी का दौर जारी रहा। प्रदेश में 613 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रसित हो गए हैं। प्रदेश का अधिकतम तापमान सामान्य से 12 डिग्री कम हो गया है। प्रदेश में कई मैदानी क्षेत्रों में जलभराव हो गया। वहीं, मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची ने बर्फबारी और ओलावृष्टि (Hail Storm) से हुए नुकसान पर डीसी, कृषि और बागवानी विभागों से रिपोर्ट (Report) तलब की है।
मनाली में 25 साल बाद अप्रैल में बर्फबारी
हिमाचल की पर्यटन नगरी मनाली (Manali) में शुक्रवार को 25 साल का अप्रैल के अंतिम सप्ताह बर्फबारी का रिकॉर्ड टूट गया। मनाली समेत पूरी ऊझी घाटी में 1996 के बाद अप्रैल के अंतिम सप्ताह हिमपात नहीं हुआ था। नारकंडा-खड़ापत्थर भी बर्फबारी से लकदक हो गए हैं। सेब और गेहूं को भारी नुकसान हुआ है। बर्फबारी और बारिश से लोगों को काफी नुकसान हुआ है। वहीं ओलावृष्टि से किसानों बागवानों (Farmers Gardeners) को काफी नुकसान पहुंचा हैं सेब के पौधों को बर्फबारी ने खासा नुकसान पहुंचाया है। जलोड़ी जोत में बर्फबारी से कुल्लू से आनी का संपर्क भी कट गया। प्रदेश में कई मैदानी क्षेत्रों में जलभराव हो गया। कांगड़ा में धौलाधार और बरोट-मुल्थान क्षेत्रों में बर्फबारी हुई है। रोहतांग दर्रा (Rohtang Pass) के साथ अटल टनल रोहतांग (Atal Tunnel Rohtang) तथा हाईवे 305 पर बर्फबारी होने से जनजीवन ठहर गया है। लाहुल और कुल्लू में बर्फबारी व भूस्खलन से 100 से अधिक सड़कें बंद हैं।
शिमला में 42 वर्ष बाद अप्रैल में सबसे अधिक बारिश
हिमाचल की राजधानी शिमला (Shimla) में बुधवार रात से गुरुवार रात तक 86 मिलीमीटर बारिश हुई, जोकि 42 वर्ष बाद अप्रैल में सबसे अधिक बारिश है। इससे पहले 15 अप्रैल, 1979 को शिमला में 24 घंटों में 111 मिलीमीटर बारिश हुई थी। इस वर्ष अप्रैल में अभी तक सामान्य से तीन फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है। प्रदेश में तीन दिन पहले तक सामान्य से 20 फीसदी कम बारिश हुई थी। मंगलवार से बदले मौसम से बारिश के रिकॉर्ड में बड़ा सुधार आ गया है। सिरमौर (Sirmaur) और लाहुल-स्पीति को छोड़कर शेष 10 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हो चुकी है। एक से 23 अप्रैल तक प्रदेश में 67ण्5 मिलीमीटर बारिश हुई।
डीजीआरई ने हिमस्खलन की जारी की चेतावनी
रक्षा भू भाग अनुसंधान (डीजीआरई) ने हिमस्खलन (Avalanche) की चेतावनी दी है। जिसके बाद कुल्लू व लाहुल स्पीति (Lahul Spiti) प्रशासन भी सतर्क हो गया है। लाहुल स्पीति में पिछले चार दिन से लगातार बर्फबारी के क्रम चला हुआ है। ऊंचाई वाले ग्रामीण क्षेत्रों में दो से ढाई फीट जबकि समस्त घाटी में आधा फीट से डेढ़ फीट तक बर्फ की चादर बिछी है। डीजीआरई (DGRE) ने मनाली के ऊपरी क्षेत्रों सोलंगनाला, धुंधी व अटल टनल के साउथ पोर्टल सहित लाहुल घाटी के अटल टनल के नार्थ पोर्टल से केलंग तक तथा लाहुल कुल्लू के नेहरूकुंड-कुलंग-पलचान और कोठी, कोठी से रोहतांग दर्रा, पलचान से सोलंगनाला, सोलंगनाला से धुंधी, अटल टनल के साउथ पोर्टल, कोकसर-सिस्सू-तांदी, दारचा रूट केअलावा दारचा -पटसेउ- जिंगजिंगबार, बारालाचा, सरचू, लाचुंगला के अलावा पांग से तंगलंगला के बीच हिमस्खलन हो सकता है। वहीं, तांदी किर्तिंग,थिरोट, कुकुमसेरी, उदयपुर से शौर, किलाड़ से बरवास, छतड्डू लोसर, ताबो -काजा- समदो में हिमस्खलन की संभावना जताई है।
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