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हिमाचलः राकेश चोपड़ा ने ठुकराया सरकार का ओहदा, सियासी चर्चाएं तेज
Last Updated on January 31, 2022 by Vishal Rana
बिलासपुर। हिमाचल (Himachal) में सर्द फिजाओं के बीच अब राजनीति सरगर्मियां महसूस होने लगी हैं। पिछले कल रामपुर (Rampur) में सामूहिक इस्तीफे की घोषणा के बाद अब बिलासपुर की घुमारवीं (Ghumarwin) विधानसभा क्षेत्र में सियासी भूचाल आ गया हैं। नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष राकेश चोपड़ा ने सरकार की तरफ से दिया गया हिमुडा (Himuda) निदेशक पद को अपनाने से मना कर दिया है। चोपड़ा के इस फैसले से विधानसभा क्षेत्र में चर्चाओं का माहौल गर्म हो गया है।
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राकेश चोपड़ा (Rakesh Chopra) ने बताया कि समाज सेवा करना उनका दायित्व है और समाज सेवा वह जारी रहेंगे। पिछले कई वर्षों से वह समाज की सेवा कर रहे हैं। बीजेपी (BJP) के शीर्ष नेतृत्व का धन्यवाद करते हुए चोपड़ा ने पद को ग्रहण करने से मनाही कर दी। चोपड़ा के एकाएक इस फैसले से साफ जाहिर हो चुका है कि आने वाले चुनावों में वह विधानसभा का चुनाव (Election) लड़ने की तैयारी कर चुके हैं। चोपड़ा ने कहा कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के सहयोग से उन्होंने कई विकासात्मक कार्यों को पूरा करवाया है। क्षेत्र के किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे आवारा पशुओं के छुटकारे से करीब 20 पंचायतों को मुक्त कराया है। गरीब लड़कियों की शादी में जो बन सका वह योगदान किया। कोरोना (Corona) के दौरान जहां तक हो सका लोगों की मदद की। नगर परिषद में उपाध्यक्ष पद पर रहते हुए समस्याओं का समाधान किया।