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लक्षण होने पर भी नेगेटिव आ सकती है रिपोर्ट, इन बातों का रखें ध्यान
दुनियाभर में कोरोना वायरस (CoronaVirus) का कहर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, भारत समेत कई अन्य देशों में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) ने भी पैर पसारना शुरू कर दिया है। दुनिया में ओमिक्रोन का सब वैरिएंट BA.2 तेजी से फैल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) (WHO) के अनुसार, ओमिक्रोन के सब वैरिएंट को सिर्फ 10 हफ्तों में इसे 57 देशों में डिटेक्ट किया जा चुका है।
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वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमिक्रोन का ये सब वैरिएंट BA.2 के ओरिजिनल स्ट्रेन BA.1 से 33% ज्यादा संक्रामक है। उनका कहना है कि मौजूदा कोरोना टेस्ट भी इसे आसानी से नहीं पकड़ पा रहे हैं और इसके लक्षण होने के बाद भी लोगों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये सब वैरिएंट बाकी वैरिएंट्स से अलग है। इस सब वैरिएंट को स्टेल्थ ओमिक्रोन नाम दिया गया है। इस वैरिएंट में एक ऐसे जरूरी म्यूटेशन की कमी है, जो शरीर में कोरोना वायरस की मौजूदगी का पता लगाने के लिए जरूरी होता है।
हेल्थ एजेंसी के अनुसार, BA.2 स्ट्रेन को RT-PCR टेस्ट से पकड़ना मुश्किल हो रहा है। यह टेस्ट कोरोना के लिए गोल्ड स्टैंडर्ड टेस्ट यानी सबसे अच्छा टेस्ट माना जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर किसी मरीज को BA.2 सब वैरिएंट का संक्रमण होने पर कोरोना के लक्षण आते हैं, तो हो सकता है कि जांच करवाने पर उसकी रिपोर्ट निगेटिव आए। ऐसे मामलों को फॉल्स नेगेटिव माना जाता है और ऐसे केस में और भी सतर्क रहने की जरूरत होती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रोन के माइल्ड लक्षण जैसे सर्दी, खांसी और बुखार को नजरअंदाज ना करें। ऐसा होने पर तुरंत कोरोना टेस्ट करवाएं, लेकिन अगर रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो 24 से 48 घंटे बाद दोबारा टेस्ट करवाएं। ध्यान रहे कि अगर किसी व्यक्ति ने पहली बार रैपिड एंटीजन टेस्ट किया था तो दूसरी बार में उसे RT-PCR टेस्ट करवाना जरूरी है। दरअसल, इसी टेस्ट के जरिए सबसे सटीक रिजल्ट मिलते हैं। विशेषज्ञ लक्षण होने के बावजूद रिपोर्ट नेगेटिव आने पर मरीज को 5 से 10 दिन आइसोलेट रहने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि केवल एक निगेटिव रैपिड एंटीजन टेस्ट पर भरोसा करने की भूल ना करें।
हालांकि, कोरोना के किसी भी वैरिएंट से बचने के लिए वैक्सीन लेना बहुत जरूरी है। ये हमें गंभीर रूप से बीमार होने और हॉस्पिटलाइजेशन के खतरे से बचाने में कारगर है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इसके लक्षण ओमिक्रोन के BA.1 सब वैरिएंट जैसे ही हैं। इनमें बहती या भरी हुई नाक, थकान, सिर दर्द, लगातार खांसी, सांस लेने में कठिनाई, मांसपेशियों में दर्द, स्वाद ना आना, गले में खराश, उल्टी और दस्त आदि जैसे लक्षण शामिल हैं। वहीं, BA.2 स्ट्रेन में जेनेटिकली कुछ ऐसे गुण है, जो इसे ओमिक्रोन की पहली स्ट्रेन से ज्यादा संक्रामक बनाते हैं। ये इंसान के इम्यून सिस्टम को आसानी से चकमा दे देता है, जिस कारण फुली वैक्सीनेटेड और बूस्टर डोज ले चुके लोग भी इससे संक्रमित हो रहे हैं।