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ऊना। हिमाचल के शिमला से शुरू हुई आरक्षण की शव यात्रा के जवाब में सोमवार को जिला मुख्यालय पर संयुक्त दलित मोर्चा (Sanyukt Dalit Morcha) ने आक्रोश रैली का आयोजन निकाली। इस दौरान संयुक्त दलित मोर्चा में शामिल दलित समुदाय के दर्जनों संगठनों से हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। आक्रोश रैली के दौरान सभी वक्ताओं ने सामान्य आयोग के गठन के मुद्दे पर प्रदेश की जयराम सरकार (Jai Ram Govt) को जमकर निशाने पर लिया। वहीं, विभिन्न दलित संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी (Protest) भी की।
एमसी पार्क के समीप जनसंबोधन के बाद विभिन्न दलित संगठनों से जुड़े लोगों ने जिला मुख्यालय पर रोष रैली निकाल सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। इस मौके पर दलित नेता रवि कांत बस्सी ने कहा कि प्रदेश की जय राम सरकार दलित विरोधी है। जयराम का दलित विरोधी चेहरा सामान्य आयोग गठन से सामने आ चुका है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जयराम सरकार ने विधानसभा सत्र के दौरान सामान्य आयोग (Saamaany Aayog) का गठन करने की घोषणा जरूर की है, लेकिन यदि बजट सत्र में इस आयोग के गठन को मूर्त रूप दिया जाता है तो दलित समुदाय एकजुट होकर बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को तुरंत यह घोषणा वापस लेते हुए सामान्य आयोग को गठन से पहले ही निरस्त कर देना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने दलित संगठनों की मांग को अनसुना किया तो आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव में दलित संगठन बीजेपी को देख लेंगे।
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