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बचपन से ही हम नाग-नागिन (Serpent) की फिल्में-सीरियल और बड़े-बुजुर्ग से इनके किस्से सुनते आए हैं कि किस प्रकार नाग-नागिन अपना बदला लेते हैं। इसके उल्ट हम आपको एक अनोखी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं, जिस पर आपको यकीन करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। दरअसल, मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के खगरोन में जेसीबी (JBC) मशीन से वेस्ट मटीरियल (Waste Material) हटाया जा रहा था। इसी दौरान जेसीबी के पंजे से एक नागिन के दो हिस्से हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नागिन के दो टुकड़े होने के बावजूद वह कई घंटों तक जिंदा (Alive) रही। इस दौरान वह फन फैलाए हुए थी। अगर कोई उसके पास जाने की कोशिश भी करता तो वह डंसने की भी कोशिश करती, लेकिन वो चल नहीं पा रही थी।
लोगों का दावा है कि घायल नागिन फन फैलाए कई घंटे वहीं जमीन पर पड़ी रही। पास ही उसके शरीर का दूसरा हिस्सा पड़ा था। घटना की जानकारी मिलते ही कई लोग वहां पहुंचे और नागिन के पास दूध (Milk) से भरा कटोरा रखा और उसकी पूजा की गई। इतना ही नहीं, शास्त्रों का वाचन और मांगलिक सुनाई गई। दावा किया जा रहा है कि शरीर अलग होने के बाद भी नागिन 19 घंटे जिंदा रही। जब उसका निधन (Death) हो गया तो लोगों ने उसका अंतिम संस्कार किया।
करीब 19 घंटे तक नागिन फन फैलाए खड़ी रही। दर्द के साथ उसका गुस्सा साफ दिखाई दे रहा था। कटने के दूसरे दिन नागिन ने दम तोड़ दिया। इसके बाद नागरिकों ने विधि-विधान से उसका अंतिम संस्कार किया। स्थानीय लोग अब भी आश्चर्यचकित हैं कि आधा शरीर कटने के बावजूद नागिन 19 घंटे तक लगातार एक ही स्थान पर खड़ी कैसे रही।
मीडिया रिपोर्ट (Media Report) के अनुसार, एक पशु चिकित्सक ने बताया कि सांप का दिल (Heart) और मस्तिष्क ऊपरी हिस्से में होता है। हादसे में नागिन का पिछला हिस्सा कटा था। इस वजह से नागिन के हार्ट और मस्तिष्क में ऑक्सीजन (Oxygen) की सप्लाई हो रही थी और इस वजह से वह काफी देर तक जिंदा रह सकी।। जैसे-जैसे उसके शरीर में से खून (Blood) कम होने लगा तो ऑक्सीजन की कमी हुई और उसकी मौत हो गई।
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