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हिमाचल: एसजेवीएन ने पीएसपीसीएल से हासिल की 100 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना
शिमला : एसजेवीएन ने पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (Punjab State Power Corporation) (पीएसपीसीएल) से 100 मेगावाट ग्रिड कनेक्टेड सोलर पीवी पावर परियोजना को हासिल किया। एसजेवीएन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने अवगत करवाया कि कंपनी ने टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के तहत ई-रिवर्स निलामी (ई-आर-ए) के माध्यम से 2.69 रुपए प्रति यूनिट के टैरिफ पर बिल्ड ओन एंड आपरेट (बीओओ) के आधार पर परियोजना हासिल की है। नन्द लाल शर्मा ने बताया कि इस परियोजना के निर्माण में लगभग 545 करोड़ रुपए की लागत संभावित है। परियोजनाओं से प्रथम वर्ष में 245.28 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन की संभावना है और 25 वर्षों की अवधि में परियोजनाओं से लगभग 5643.52 मिलियन यूनिट संचयी विद्युत उत्पादन होगा। विद्युत खरीद करार (पीपीए) को पीएसपीसीएल तथा एसजेवीएन के मध्य 25 वर्षों के लिए हस्ताक्षरित किया जाएगा।
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नन्द लाल शर्मा ने अवगत कराया कि वर्तमान में, एसजेवीएन (SJVN ) की कुल स्थापित क्षमता 2016.5 मेगावाट है जिसमें 1912 मेगावाट के दो जलविद्युत संयंत्र और 104.05 मेगावाट के 4 नवीकरणीय विद्युत संयंत्र (6.9 मेगावाट के दो सौर संयंत्र तथा 97.6 मेगावाट के 2 पवन संयंत्र) शामिल हैं।नन्द लाल शर्मा ने आगे बताया कि इस आबंटन के साथ, एसजेवीएन के पास अब 1445 मेगावाट की सोलर परियोजनाएं निष्पादनाधीन है। इन सभी सोलर परियोजनाओं को वित्तीय वर्ष 2023-24 तक कमीशन किया जाना निर्धारित है जो एसजेवीएन की नवीकरणीय क्षमता के लिए एक बड़ी छलांग (विशाल उपलब्धि) होगी।
नन्द लाल शर्मा ने अवगत करवाया कि भारत सरकार ने सभी को 24×7 विद्युत आपूर्ति की परिकल्पना की है। अभी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कॉप-26) में, माननीय पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत वर्ष वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट के नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय विद्युत एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा आरके सिंह विद्युत क्षेत्र के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को सौर ऊर्जा के दोहन के लिए उचित मार्गदर्शन एवं समर्थन दे रहे हैं ताकि सभी देशवासियों को 24×7 हरित एवं सस्ती ऊर्जा उपलब्ध करवाई जा सके। भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप एसजेवीएन ने 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट तथा 2040 तक 25000 मेगावाट क्षमतागत वृदि्ध का अपना साझा विजन निर्धारित किया है।
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