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हिमाचल: पीठासीन अधिकारियों के 82वें सम्मेलन आज पहले दिन चार विषयों पर हुई चर्चा
Last Updated on November 17, 2021 by admin
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 82वें अखिल भारतीय पीठासीन से पहले मंगलवार को 58वें विधानसभा सचिवों के सम्मेलन में मुख्य रूप से 4 विषयों पर चर्चा हुई। इसमें पहला विषय वाद-विवाद तथा चर्चा को और उपयोगी बनाकर क्षमता निर्माण करना था। दूसरा विषय समिति की ऑनलाइन बैठक की सदन में आवश्यकता, चुनौतियां और इसके आगे का रास्ता रहा। लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह और राज्यसभा महासचिव प्रमोद चंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा की जमकर तारीफ की। यहां पर पेपरलेस कार्यवाही करने और इसे सूचना प्रौद्योगिकी से जोड़ने के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि तकनीक के साथ अपडेट रहना भी आज विधानमंडलों के समक्ष बड़ी चुनौती है।
तीसरा विषय प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों में एकरूपता रखना था। देश भर में विधानमंडलों में अलग-अलग मामलों में भिन्न-भिन्न तरह से कार्यवाही की जाती है, जबकि इसमें एकरूपता होनी चाहिए। इसके लिए लोकसभा और राज्यसभा के कार्यवाही नियमों के साथ भी राज्य विधानमंडलों के नियमों में एकरूपता लाने पर सहमति बनी। चौथे विषय विधानमंडलों के विशेषाधिकार और सूचना का अधिकार अधिनियम विषय पर मंत्रणा हुई। इस संबंध में विधानसभा के सचिवालय किस तरीके से बेहतर तरीके से भूमिका निभा सकते हैं, यह भी चर्चा का विषय रहा। विधानसभा सचिवालयों से आरटीआई एक्ट के तहत मांगी जाने वाली सूचनाओं और इस एक्ट के लागू होने की सीमाओं और अन्य विषयों पर भी चर्चा हुई।
हिमाचल: शिमला पहुंचे ओम बिड़ला बोले- यहां की शुद्ध आबोहवा दुनियाभर में विख्यात
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के 7वें सम्मेलन के लिए मंगलवार को शिमला पहुंचे हैं। यह सम्मेलन 16 नवंबर से 19 नवंबर तक चलेगा। देश के पीएम नरेंद्र मोदी 17 नवंबर को वर्चुअल (virtual) माध्यम से सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। 100 साल पहले 1921 में शिमला में प्रथम अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन शिमला से शुरू हुआ था।
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बताया कि अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन 16 नवंबर से 19 नवंबर तक हो रहा है। इससे पहले यह सम्मेलन साल 1921 में हुआ था। उन्होंने बताया कि इस दौरान लोकतंत्र को सशक्त करने व संवैधानिक संस्थाए मजबूत करने पर चर्चा की जाएगी। वहीं, हिमाचल में विधायकों की अकादमी को लेकर उन्होंने कहा कि चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने शिमला की तारीफ करते हुए कहा कि शिमला सिर्फ देश ही नहीं दुनिया में भी अपनी खूबसूरती व शुद्ध आवोहवा के लिए विख्यात है।
जानकारी के अनुसार, इस सम्मेलन में 36 राज्यों की विधानसभाओं, विधान परिषदों के पीठासीन अधिकारी, उपाध्यक्ष और प्रधान सचिव भाग ले रहे हैं। कुल मिलाकर एक राज्य से 4 प्रतिनिधि अपनी स्पाउस के साथ इस सम्मेलन में भाग लेंगे, जिनकी संख्या 288 होगी। जबकि सम्मेलन में भाग ले रहे प्रतिनिधियों की कुल संख्या 378 होगी।