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हिमाचल हाईकोर्ट ने स्कूलों में गैर शिक्षकों के 2 हजार खाली पदों पर प्रदेश सरकार से मांगा जवाब
शिमला। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट और लाइब्रेरियन के दो हजार से ज्यादा खाली पड़े पदों को भरने के मामले में हिमाचल हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई। राज्य सरकार की ओर से इस मामले में जवाब दायर ना करने के कारण सुनवाई नहीं हो पाई। अदालत के दो बार आदेश देने के बावजूद भी सरकार की ओर से जवाब दायर करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की गई। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब दायर करने के लिए अतिरिक्त समय दिया है। तातापानी निवासी प्रताप सिंह ठाकुर की ओर से मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है।
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खंडपीठ ने प्रदेश के मुख्य सचिव सहित प्रधान सचिव शिक्षा को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया था। इस समय में राज्य सरकार जवाब दायर नहीं कर पाई। पत्र के माध्यम से आरोप लगाया गया है कि सरकारी स्कूलों में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट और लाइब्रेरियन के दो हजार से ज्यादा पद खाली पड़े हैं। सरकारी स्कूलों में इन पदों के खाली रहते बच्चे निजी स्कूलों की तरफ रुख कर रहे हैं। यह भी आरोप लगाया गया है कि गरीब लोग निजी स्कूलों की फीस नहीं दे पाते और सरकारी स्कूलों में पुस्तकालय न होने की वजह से बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में फेल हो जाते हैं। पत्र के माध्यम से गुहार लगाई है कि राज्य सरकार को सरकारी स्कूलों में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट और लाइब्रेरियन के पद भरने के आदेश दिए जाए। मामले पर सुनवाई तीन सप्ताह के बाद निर्धारित की गई है।
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