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क्रशर हड़ताल से ठप होने लगे सरकारी विकास कार्य, जाने क्या हैं एसोसिएशन की मांगें
ऊना। जिला क्रशर उद्योग एसोसिएशन (Crusher Industry Association) द्वारा घोषित की गई अनिश्चितकालीन हड़ताल (Strike) रविवार को चौथे दिन में प्रवेश कर गई। हड़ताल के चलते जहां एक तरफ सरकारी विकास कार्य (Govt development work) ठप होने लगे हैं, वहीं दूसरी और निजी क्षेत्र के निर्माण कार्य भी इस हड़ताल के चलते व्यापक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा बरसात के मौसम को देखते हुए नदी नालों में खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसी परिस्थिति में भवन निर्माण कर रहे लोगों को क्रशर उद्योग का ही सहारा था, लेकिन अब क्रशर उद्योग की हड़ताल हर वर्ग पर भारी पड़ रही है। इतना ही नहीं एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि यदि जरूरत पड़ी तो मांगों के समर्थन में क्रशर उद्योग एसोसिएशन सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने से भी गुरेज नहीं करेगी।
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एसोसिएशन की प्रमुख मांगों में क्रशरों को मैकेनिकल माइनिंग (Mechanical Mining), यानी 80 एचपी पावर तक माइनिंग की अनुमति दी जाए। किसी भी लीज एरिया तथा क्रशर एरिया में अधिकृत अधिकारी के अतिरिक्त असामाजिक अनाधिकृत, शरारती एवं गतिरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति न दी जाए। एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डिंपल ठाकुर का कहना है कि प्रत्येक क्रशर और लीज एरिया में ऐसी मशीनों से माइनिंग करने की अनुमति दी जाए जो नियमों के अनुसार हो क्योंकि श्रमिक या मैनुअल तरीके से माइनिंग करना कतई संभव नहीं है। डिंपल ठाकुर ने कहा कि हर कोई इस उद्योग को बदनाम करने पर तुला हुआ है जबकि देश और विदेश के विकास में यही उद्योग कारगर भूमिका अदा कर रहा है।
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