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छात्र अभिभावक मंच: निजी स्कूलों की मनमानी पर विभाग और सरकार ने क्यों साधी चुप्पी, दी ये चेतावनी
Last Updated on October 23, 2021 by Deepak
शिमला। छात्र अभिभावक मंच हिमाचल प्रदेश (Student Guardian Forum Himachal) ने निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस जमा करवाने के लिए अभिभावकों व छात्रों पर मानसिक दबाव बनाने के घटनाक्रम की कड़ी निंदा की है। मंच ने शिक्षा विभाग व प्रशासन से ऐसे स्कूल प्रबंधनों पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाने की मांग की है। मंच ने चेताया है कि अगर इन निजी स्कूलों (Private School) पर सख्त कार्रवाई ना हुई तथा अभिभावकों व छात्रों की मानसिक व आर्थिक प्रताड़ना बंद ना हुई तो मंच सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।
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मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा व सदस्य विवेक कश्यप ने कहा है कि शीतकालीन सत्र के निजी स्कूलों में नवंबर महीने में प्रस्तावित वार्षिक परीक्षाओं के बिल्कुल पहले प्रबंधनों द्वारा मनमानी फीस जमा करने के लिए अभिभावकों व छात्रों पर भारी दबाव बनाया जा रहा है। अभिभावकों को मोबाइल संदेशों के माध्यम से व छात्रों को कक्षाओं में मनमानी फीस (Fees) जमा करने के लिए मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है। जिन अभिभावकों ने पांच दिसंबर, 2019 की अधिसूचना के विपरीत मनमानी भारी फीस जमा नहीं की है, उन के बच्चों को पहले की मासिक परीक्षाओं के रिज़ल्ट (Result) कार्ड नहीं दिए जा रहे हैं व वर्तमान मासिक परीक्षाओं में बैठने नहीं दिया जा रहा है। यह संविधान के अनुछेद 39 (एफ) का सीधा उल्लंघन है।
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निजी स्कूलों की मनमानी पर सरकार की चुप्पी पर उठाए सवाल
विजेंद्र मेहरा ने निदेशक उच्चतर शिक्षा व शिक्षा मंत्री से 5 दिसंबर, 2019 की अधिसूचना को लागू करने की मांग की है। उन्होंने हैरानी व्यक्त की है कि छात्रों व अभिभावकों को निजी स्कूल प्रबंधनों द्वारा मनमानी फीस वसूलने पर उसका विरोध करने पर मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा हैए लेकिन शिक्षा विभाग मौन है। प्रदेश सरकार की खामोशी उसकी मंशा पर गंभीर सवाल खड़ा कर रही है। उन्होंने साफ चेताया है कि अगर यह प्रताड़ना बंद ना हुई तो मंच के पदाधिकारी शिक्षा निदेशालय में अनशन पर बैठ जाएंगे।
मनमानी करने वाले स्कूलों की एनओसी रद्द करने की उठाई मांग
निजी स्कूल प्रबंधनों की तानाशाही, मानसिक व आर्थिक प्रताड़ना इस अनुच्छेद में प्राप्त बच्चों के नैतिक व भौतिक अधिकारों पर सीधा हमला है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय से निजी स्कूलों द्वारा तरह-तरह के चार्जेज की आड़ में भयंकर लूट पर अंकुश लगाने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि ऐसे स्कूलों का पंजीकरण व एनओसी तुरंत रद्द किया जाएए जिसका बाकायदा कानूनी प्रावधान है।
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