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शिमला। राजधानी शिमला के कसुम्पटी विधानसभा के भट्ठाकुफर में आज सजे जनमंच में लोगों ने पानी की समस्या उठाई। लोगों का कहना था कि कसुम्पटी क्षेत्र में मौजूद अधिकारियों की कालोनियों में तो दिन में दो बार पानी आता है। लेकिन उसके साथ ही जो गांव हैं वहां पर छह दिन में एक बार पानी दिया जा रहा है। जिसके चलते लोगों को पीने तक का पानी खरीदना पड़ रहा है। जिस पर मंत्री सुरेश भारद्वाज (Minister Suresh Bhardwaj) ने जल प्रबंधन निगम और जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और कहा कि कालोनियों में दिन में दो बार और गांव में पांच दिन में एक बार पानी देने से भेदभाव वाली स्थिति पैदा होती है। उन्होंने इस समस्या का जल्द हल करने की बात कही।
बता दें कि भट्ठाकुफर फल मंडी में आयोजित जनमंच (Jan Manch Program) की अध्यक्षता शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज कर रहे थे। इस दौरान मल्याणा के प्रधान हुक्म चंद और मैहली के प्रधान सुरेंद्र गर्ग ने पीने के पानी का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि यह दोनों ही पंचायतें शहर के बिल्कुल साथ लगती हैं। दोनों प्रधानों ने बताया कि उनके गांव के साथ आफिसर कालोनियां हैं, जहां शिमला जल प्रबंधन निगम (Shimla Water Management Corporation) दिन में दो बार पानी की सप्लाई करता है। जबकि गांव के लोगों को अपने लिए और पशुओं को पिलाने के लिए पानी का टैंकर मंगवाना पड़ता है। जिस पर शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने जल प्रबंधन निगम और जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि पानी की जो भी समस्या है उसे जल्द दूर करें।
वहीं इस समस्या पर अधिकारियों ने बताया कि शिमला जल प्रबंधन निगम जल शक्ति विभाग को पानी देता है। वहां से इसे ग्रामीण क्षेत्रों में सप्लाई किया जाता है। जल शक्ति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गांव में पानी की नियमित सप्लाई की जा रही है। अधिकारी इस बात पर लोग भड़ गए। शहरी विकास मंत्री ने कहा कि इन गांवों के साथ कोटी बरांडी पेयजल योजना है। इसकी पाइपलाइन इनके गांव से होकर आती है। लोगों को पानी मिलना अधिकारी सुनिश्चत करें। इसमें कोई भी बहाना नहीं चलेगा।
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