- Advertisement -
2020-21 वित्त वर्ष के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करने की डेडलाइन 15 मार्च तक बढ़ा दी गई है। आज हम आपको कुछ टैक्स डिडक्शन के बारे में बताएंगे, जिससे कि आप अपने निवेश, कमाई और दूसरे तरह के पेमेंट्स पर आसानी से क्लेम कर सकते हैं। हालांकि, ये टैक्स डिडक्शन (Tax Deduction) नए टैक्स सिस्टम पर लागू नहीं होगा।
बता दें कि अगर आपने अभी तक टैक्स डिडक्शन क्लेम नहीं किया है और आप सेक्शन 80C के तहत इनकम टैक्स में छूट हासिल करना चाहते हैं तो आप लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम (Life Insurance Premium) पर टैक्स में 1.5 लाख रुपए तक की छूट हासिल कर सकते हैं। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत इंडिविजुअल और HUF लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम के पेमेंट पर आप अन्य इंस्ट्रूमेंट के साथ-साथ कुल 1.5 लाख रुपए का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। यह डिडक्शन पाने के लिए आपका भारतीय इंश्योरेंस कंपनी से इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना अनिवार्य नहीं है। इसके तहत किसी एनआरआई या विदेशी नागरिक का भारत में टैक्सेबल इनकम बनता है तो वह देश से बाहर खरीदी गई पॉलिसी पर भी यह डिडक्शन क्लेम कर सकता है।
यह क्लेम टर्म इंश्योरेंस जैसे- प्योर इंश्योरेंस प्रोडक्ट, ULIP आदि कम इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट्स पर भी की जा सकती है। कोई भी टैक्सपेयर खुद के लिए, स्पाउस या बच्चों की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम के पेमेंट पर छूट के लिए क्लेम कर सकता है।
1 अप्रैल, 2012 के बाद करवाई गई किसी भी पॉलिसी के सम-इंश्योर्ड के 10% या उससे कम प्रीमियम के पेमेंट पर छूट के लिए क्लेम किया जा सकता है। बता दें कि अपंगों के लिए यह दायरा 15 फीसदी का है। जबकि, 1 अप्रैल, 2012 से पहले खरीदी गई पॉलिसी पर 20% तक का छूट के लिए क्लेम किया जा सकता है।
इस पॉलिसी के लिए कम से कम दो साल तक एक्टिव रहने वाली लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर टैक्स छूट का फायदा मिलता है। हालांकि, पिछले साल के डिडक्शन को रिवर्स कर दिया जाता है और उसे उस साल के इनकम में जोड़ दिया जाता है जब पॉलिसी लैप्स हुई होगी।
- Advertisement -