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कोरोना संकट का असर – हिमाचल के इतिहास में पहली बार Tourism Season शून्य, करोड़ों का नुकसान
Last Updated on April 23, 2020 by
शिमला। कोरोना संकट की वजह से जहां पूरे देश में काम ठप है, वहीं हिमाचल के इतिहास में पहली बार इस साल टूरिज्म सीजन (Tourism Season) शून्य हो गया है। कर्फ्यू की वजह से हिमाचल में करीब छह हजार होटल, होम स्टे और रेस्टोरेंट एक महीने से बंद हैं जिसकी वजह से पर्यटन कारोबार को करोड़ों की चपत लगी है। हिमाचल में अधिकारिक तौर पर 15 अप्रैल से समर सीजन शुरू हो जाता है। बीस मार्च के बाद से प्रदेश में सैलानियों (Tourists) की आमद शुरू हो जाती है। अप्रैल और मई में समर सीजन चरम पर रहता है। मैदानी राज्यों में तपती गर्मी से निजात पाने और स्कूल में छुट्टियां होने से लाखों सैलानी हिमाचल आते हैं। शिमला, मनाली, डलहौजी, खज्जियार, धर्मशाला, कसौली सहित अन्य पर्यटन स्थल मार्च से मई तक सैलानियों से गुलजार रहते हैं लेकिन इस बार कर्फ्यू के चलते ऐसा कुछ नहीं हो पाया।
साल 2019 में मार्च से मई तक करीब 50 लाख देसी और विदेशी सैलानी (Foreign tourist) हिमाचल आए। 2019 में प्रदेश में आने वाले सैलानियों की संख्या 1.72 करोड़ रही। यह संख्या साल 2018 के मुकाबले 4.63 फीसदी अधिक रही। बीते साल सरकार ने प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए कई नई योजनाएं शुरू कीं। पर्यटन नीति भी नई बनाई है। इन योजनाओं का इस साल असर दिखना था, लेकिन कोरोना के चलते सभी योजनाएं धरी रह गई हैं। इस बार मई में भी प्रदेश में पर्यटन गतिविधियां सुचारु होने की संभावनाएं कम हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन आरडी धीमान ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए प्रदेश में लॉकडाउन व कर्फ्यू है। ऐसे में पर्यटन की गतिविधियों पर भी रोक है। लोगों की सुरक्षा को यह फैसला लिया है। पर्यटन कारोबार को हो रहे नुकसान से सरकार वाकिफ है। हालात सामान्य होते ही पर्यटन कारोबारियों को कुछ राहतें देते हुए दोबारा से सैलानियों के स्वागत के लिए हिमाचल को तैयार किया जाएगा।