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#Una: द ईसपुर कृषि सेवा सहकारी सभा समिति गड़बड़झाला, जमाकर्ताओं ने दी आत्मदाह की धमकी
Last Updated on September 27, 2020 by
ऊना। उपमंडल हरोली के ईसपुर गांव में स्थित द ईसपुर कृषि सेवा सहकारी सभा समिति (Ispur Cooperative Society) में हुए गड़बड़झाले को लेकर जमाकर्ताओं ने एक बैठक का आयोजन कर संघर्ष समिति का गठन किया। बैठक के दौरान जहां जमाकर्ताओं ने सोसाइटी सचिव और पदाधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, वहीं न्याय ना मिलने पर आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी। इस दौरान जमाकर्ताओं ने उनकी जमापूंजी उन्हें वापस करने के साथ-साथ सोसाइटी में गड़बड़ियां करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी उठाई है। जमाकर्ताओं ने कहा कि अगर तीन दिन के भीतर कोई कार्रवाई ना हुई तो हाईकोर्ट (High Court) और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा भी खटखटाएंगे और अगर जरूरत पड़ी तो इंसाफ के लिए आत्मदाह करने से पीछे नहीं हटेंगे।
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द ईसपुर कृषि सेवा सहकारी सभा समिति में बड़े स्तर पर गोलमाल को लेकर जमाकर्ताओं को गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। जमाकर्ताओं (Depositors) का लगातार बैठकों का दौर जारी है। इसी बीच रविवार को पुन: जमाकर्ताओं ने बैठक कर आर-पार की लड़ाई लड़ने की चेतावनी दी। इस दौरान जमाकर्ताओं ने संघर्ष समिति का गठन किया और सचिव सहित सोसायटी पदाधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। जमाकर्ताओं ने एक स्वर में कहा कि मामले में आरोपी सचिव सहित अन्यों के खिलाफ ना केवल कानूनी कार्रवाई की जाए, बल्कि उनकी संपत्ति (Property) को भी अटैच किया जाए। सभा के जमाकर्ताओं में नरेंद्र पाठक, चितविलास पाठक, हरीश पाठक, विजय शर्मा व सूरज पाठक समेत अन्यों ने सभा के सचिव पर करोड़ों रुपए का गोलमाल करने के आरोप जड़े। जमाकर्ताओं का आरोप है कि सभा में लोगों का जो करोड़ों रुपये जमा था, उसमें से करोड़ों रुपये सभा के सचिव के अपने परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर लोन ले लिए हैं और जब जमाकर्ता अपनी जमापूंजी निकलवाने जाते हैं तो ज्यादातर पैसा लोन में दिए जाने की बात कहकर उन्हें उनका अपना पैसा ही वापस नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सभा के सचिव की संपत्तियों की जांच की जानी चाहिए और उसकी सारी संपत्ति अटैच की जानी चाहिए। जमाकर्ताओं ने आरोप जड़ा कि उन्होंने इंसाफ के लिए पुलिस और प्रशासन का दरवाजा भी खटखटाया, लेकिन अभी तक मायूसी ही हाथ लगी। ऐसे में रविवार को ईसपुर नौण मंदिर में पुन: बैठक कर नई रणनीति बनाई गई।