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ऊना। प्रदेश सरकार द्वारा एसएससी शिक्षकों (SMC Teachers) को नियमित करने की कवायद के विरोध में स्वर उठने लगे हैं। एक तरफ सरकार इस वर्ग के शिक्षकों को नियमित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट (#SupremeCourt) जाने का मन बना रही है, वहीं दूसरी तरफ प्रशिक्षित बेरोजगार अध्यापक संघ ने भी सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक जाने का ऐलान कर दिया है। संघ का कहना है कि मापदंडों को पूरा नहीं करने वाले लोगों को नियमित शिक्षकों के रूप में तैनाती देना एक और जहां बेरोजगार अध्यापकों के साथ अन्याय है। वहीं, यह कानून का भी सरेआम उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि सरकार बैक डोर से रखे गए इन शिक्षकों को नियमित करने की फिराक में है, जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट में भी गलत तथ्यों को रखने जा रही है।
संघ के सदस्य दविंदर ने बताया कि यह कहना सरासर गलत है कि सभी एसएमसी अध्यापक कबायली क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं। प्रदेश में तैनात 792 एसएमसी स्कूल लेक्चरर में से 582 लेक्चरर गैर कबायली क्षेत्र में तैनात थे। इतना ही नहीं प्रदेश के हर जिला में एसएमसी शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं, जिनकी भर्तियां बिना कमीशन, बिना बैच वाइज आधार और बिना किसी रोस्टर के हुई हैं। जबकि लाखों रुपए खर्च करने के बाद शिक्षक बनने का प्रशिक्षण (Training) प्राप्त कर बैठे बेरोजगार अध्यापक अभी भी रोजगार मिलने के इंतजार में हैं। प्रशिक्षित बेरोजगार अध्यापकों ने ऐलान किया है कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ संघ किसी भी हद तक जाएगा। इस फैसले के खिलाफ जहां प्रशिक्षित बेरोजगार अध्यापक सड़कों तक उतरने को तैयार है, वहीं जरूरत पड़ी तो सरकार को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने से भी गुरेज नहीं किया जाएगा।
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