-
Advertisement
हिमाचल के स्कूलों में जल्द भरे जाएंगे खाली पद, 300 प्रिंसिपल होंगे नियुक्त
Last Updated on March 11, 2022 by sintu kumar
शिमला। हिमाचल (Himachal) के दूरदराज क्षेत्रों के स्कूलों के खाली पड़े पदों को भरने के लिए सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। इन खाली पदों को पदोन्नति और नई भर्ती ( New Recruit) के माध्यम से भरा जाएगा। इसके लिए हिमाचल के स्कूलों में पदोन्नति के माध्यम से 300 प्रिंसिपल (Principal) नियुक्त होंगे, इसके साथ ही प्रवक्ताओं की भर्ती प्रक्रिया भी जल्द पूरी होगी। यह जानकारी आज विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Education Minister Govind Singh Thakur) ने दी। सदन में प्रश्नकाल के दौरान विधायक जियालाल के सवाल का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा है कि उन्होंने कहा कि प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों में शिक्षक (Teacher) जाते नहीं हैं। अन्य क्षेत्रों में ही अपनी समायोजन करवा लेते हैं। ऐसे में वहां के स्कूलों में अध्यापकों की कमी रहती है। सरकार ने फैसला लिया है कि पदोन्नति और नई भर्ती के माध्यम से शिक्षकों को दूरदराज के स्कूलों में रिक्त चल रहे पदों पर नियुक्तियां दी जाएंगी।
यह भी पढ़ें:हिमाचल: शारीरिक शिक्षकों के 870 पद भरने पर क्या बोले शिक्षा मंत्री, यहां जाने
सलोह आईआईआईटी में भ्रष्टाचार के आरोपों ही होगी जांच
शिक्षा मंत्री गोबिंद सिंह ठाकुर ने हरोली की सलोह आईआईआईटी (Saloh IIIT) में भ्रष्टाचार के लगे आरोपों पर जांच करवाने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में भारत सरकार को सूचित किया जाएगा और तथ्यों के आधार पर इसकी जांच करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के हित ऐसे संस्थानों में सुरक्षित होने चाहिए, जिसे सुनिश्चित बनाया जाएगा। सरकार का अपना परिसर होने के बावजूद किराए पर प्रॉपर्टी ली गई है, तो ऐसा नहीं होना चाहिए।
यह भी पढ़ें:हिमाचल के 3687 बेरोजगारों को मिलेगी नौकरी, सैलरी भी अच्छी, जल्दी से पहुंचे यहां
सरकार का प्रयास कहीं खाली ना रहे पद
गोबिंद सिंह ठाकुर ने कहा कि 7569 नई भर्तियां प्रोसेस में हैं। 7519 अध्यापकों को पूर्व सरकार ने नियमित किया, जबकि हमने 22693 को प्रमोट कर नियमित किया है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि खाली पद कहीं ना रहें। उन्होंने माना कि तबादलों में बहुत सारा समय लग जाता है, जो कि जरूरी नहीं है। मगर फिर भी परिस्थितियां ऐसी है। इसलिए नई शिक्षा नीति में इसपर भी कुछ प्रावधान करने की सोची है। अटल आदर्श विद्यालय भवनों को लेकर उन्होंने कहा कि कई जगहों पर जमीन शिक्षा विभाग के नाम पर नहीं है, जिस कारण से उनके निर्माण में देरी होती है। की
हिमाचल और देश-दुनिया के ताजा अपडेट के लिए like करे हिमाचल अभी अभी का facebook page