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वीरभद्र सरकार पर सुरेश भारद्वाज की टिप्पणी से भड़के विक्रमादित्य सिंह, दी ये नसीहत
शिमला। जयराम सरकार में शहरी मंत्री सुरेश भारद्वाज (Suresh Bhardwaj) द्वारा पूर्व सीएम स्व. वीरभद्र सिंह पर सरकार रिपीट ना करने के बयान पर विक्रमादित्य सिंह भड़क गए है। उन्होंने सुरेश भारद्वाज को तथ्यों को जानने की नसीहत दी है। कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह (Congress MLA Vikramaditya Singh) ने कहा कि मंत्री जी को वीरभद्र सरकार पर टिप्पणी करने से पहले तथ्यों और आकड़ों को जानना चाहिए। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सरकार ने 1995 में सरकार बनाई, उसके बाद 1998 में भी बहुमत मिला और उस समय कुछ अपने बेगाने हो गए और बीजेपी ने जोड़तोड़ कर सरकार बनाई।
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स्व. वीरभद्र सिंह (Late Virbhadra Singh) का जो हिमाचल प्रदेश की राजनीति और विकास में योगदान रहा है उसका सर्टिफिकेट सुरेश भारद्वाज से लेने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें अपनी चिंता करनी चाहिए, अपनी पार्टी की चिंता करें। विक्रमादित्य ने कहा कि सुरेश भारद्वाज जो आज बीजेपी सरकार के रिपीट होने के सपने देख रहे हैं, वह उपचुनावों में जुब्बल कोटखाई में प्रभारी थे और वहां जमानत भी नहीं बचा पाए। जबकि भारद्वाज ने बड़े-बड़े भाषण दिए और उसके बावजूद भी बीजेपी की जमानत जब्त हुई। सुरेश भारद्वाज को अपने गिरेबान में झांकने की आवश्यकता है। उनके सरकार और राजनीतिक जीवन के कुछ ही दिन शेष बचे हैं। उन्हें आराम करने की आवश्यकता है। इस सरकार के चार-पांच महीने रहे और उसके बाद आराम करें। प्रदेश में कांग्रेस पार्टी (Congress Party) की सरकार बनेगी।
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