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छींकने के दौरान आंख क्यों हो जाती है बंद-बॉडी से जुड़ा है मसला
क्या आप अपनी बॉडी को लेकर हमेशा सजग रहते हैं या नहीं। सजग रहना बेहद जरूरी है,चलों हम आपसे आज एक सवाल पूछते हैं कि छींकने के दौरान आंख (Eye) क्यों बंद हो जाती है। अगर नहीं पता तो हम आपको आज इसी का जवाब देंगे। यूं तो छींक (Sneezing) आना एक सामान्य प्रक्रिया है। बताया जाता है कि सांस लेने के दौरान यदि कोई धूल का कण हमारे नाक में फंस जाता है तो उस समय छींक आती है। यदि कोई बड़ा धूल का कण फंस जाता तो मस्तिष्क फेफड़ों में ज्यादा हवा भरने का संदेश भेजता है और इस दौरान पलके झपकती हैं। पलके झपकने के लिए ट्राइजेमिनल नस जिम्मेदार होती है। बताया जाता है कि ये नस चेहरे, आंख, मुंह, नाक तथा जबड़े को नियंत्रित करती है। छींक आने पर मस्तिष्क हर तरह का अवरोध हटाने का निर्देश देता है जो इस नर्व को भी मिलता है और इसी वजह से आंखें बंद हो जाती हैं। आंखें और नाक क्रेनियल नर्व्स (Cranial Nerves) से जुड़े होते हैं, छींक आते ही फेफड़े तेजी से हवा बाहर निकालते हैं।
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कहा जाता है कि इस समय में मस्तिष्क पलकों की नर्व्स (Signal to pull the Nerves of the Eyelids) को खींचने का सिग्नल देता है और आंखें बंद हो जाती है। ट्राईजेमिनल नर्व (Trigeminal Nerve), तंत्रिका तंत्र का वह हिस्सा होती है जो चेहरे, आंख,नाक, मुंह और जबड़े को नियंत्रित करती है। छींकने के दौरान अवरोध हटाने का दिमागी संदेश यह तंत्रिका आंखों तक भी पहुंचा देती है। इसकी प्रतिक्रिया में ही हमारी पलकें झपक जाती हैं। छींकने से पहले शरीर खुद को इसके लिए तैयार करता है, छाती की सभी मसल टाइट हो जाती हैं। आप को जानकर हैरानी होगी जब छींक आती है तो इसकी रफ्तार 100 मील प्रति घंटे की होती है। तो समझ गए होंगे आप कि छींकने के दौरान आंख क्यों बंद होती है।