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Lok Sabha Election 2024 : मंडी में हार-जीत बहुत कुछ कर देगी उलट-पुलट
Vikramaditya Singh : मंडी। हिमाचल का मंडी संसदीय क्षेत्र (Mandi Parliamentary Seat) चर्चा में है। कंगना बनाम विक्रमादित्य की जंग का अखाड़ा है। नजरें पूरे देश की टिकी हैं। लेकिन अभी तक मंडी में 20 में से 14 चुनाव राज परिवारों (Royal Family) ने जीते हैं। इसे देखते हुए कांग्रेस ने दिवंगत वीरभद्र सिंह व प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) पर दांव खेला है। अब अगर विक्रमादित्य सिंह मंडी सीट से लोकसभा चुनाव जीत जाते हैं तो उनकी एंट्री दिल्ली की राजनीति में हो जाएगी। मगर, उन्हें हिमाचल की पॉलिटिक्स से दूर होना पड़ेगा।
हार सियासी करियर पर सवालिया निशान लगा देगी
चुनाव में विक्रमादित्य की हार हुई तो उनके सियासी करियर पर सवालिया निशान लगा देगी। बीजेपी ने सेलिब्रिटी कंगना रनौत (Kangana Ranaut) को कैंडिडेट बनाकर ग्लैमर का तड़का लगाया है। इसलिए कांग्रेस (Congress Party) के सामने किसी युवा चेहरे को मैदान में उतारने की चुनौती थी। मसलन कंगना से मुकाबले के लिए कांग्रेस के पास विक्रमादित्य के अलावा दूसरा कोई बेहतर विकल्प नहीं था। इसलिए सिटिंग एमपी प्रतिभा सिंह का टिकट काटकर विक्रमादित्य को कैंडिडेट बनाया गया।
कांग्रेस का गढ़ रही है मंडी सीट
मंडी लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। वर्ष 1952 से आज तक मंडी लोकसभा में 20 आम व उपचुनाव हुए। इनमें से कांग्रेस 15 बार चुनाव जीती, जबकि बीजेपी (BJP) चार और एक चुनाव जनता दल ने चुनाव जीता है। मंडी सीट पर दो राज परिवारों वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) और महेश्वर सिंह के अलावा दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम (Pandit Sukhram) परिवार का दबदबा रहा है। यह समीकरण भी विक्रमादित्य के टिकट की बड़ी वजह है।
विक्रमादित्य लोकप्रिय और यूथ आइकॉन
प्रतिभा सिंह के मुकाबले विक्रमादित्य सिंह लोकप्रिय और यूथ आइकॉन है। इसके विपरीत प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) कई बार अपने बयानों की वजह से खुद और पार्टी को भी बैकफुट पर धकेलती रही हैं। 2021 में भी लोकसभा उपचुनाव के दौरान उन्होंने कारगिल युद्ध को लेकर ऐसा बयान दे दिया था, जिससे कांग्रेस बैकफुट पर आ गई थी। इसलिए भी कांग्रेस ने विक्रमादित्य को बेहतर विकल्प समझा है। खैर मंडी की ये जंग इस बार रोचक है,इसमें कोई दोराय नहीं।