- Advertisement -
नई दिल्ली। जिस प्रकार से देश में कोरोना (Corona) के नए वेरियंट ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। पिछली दो लहरों में कई लोगों की नौकरी (Job) तक चली गई थी। इससे ऐसे लोगों को सबसे अधिक चोट पहुंची जिन्होने लोन ले रखा था और जॉब छूटने के बाद इन लोगों के सामने ईएमआई (EMI)भरने का संकट खड़ा हो गया। हालांकि अगर अच्छे से प्लान किया जाए तो इस संकट से निपटने की तैयारी की जा सकती है। पॉलिसी बाजार (Policy Bazar) के एक ब्लॉग के अनुसार कई कंपनियां जॉब इंश्योरेंस पॉलिसी बेचती हैं। ये इंश्योरेंस पॉलिसीहोल्ड (Insurance Policy Holder ) और उसके परिवार को जरूरी फाइनेंशियल हेल्प का कवरेज देते हैं। अगर अचानक आपकी नौकरी चली जाती है तो ये इंश्योरेंस आपके लिए मुश्किल घड़ी में वरदान साबित हो सकता है। इस इंश्योरेंस की मदद से आप जॉब छूट जाने पर भी सारे जरूरी खर्चों को पूरा कर सकेंगे और बिना परेशान हुए ईएमआई का भुगतान भी करते रहेंगे।
हालांकि भारत में अभी स्टैंडअलोन जॉब इंश्योरेंस प्लान (Standalone Job Insurance Plan) लांच नहीं हुए हैं, लेकिन राइडर बेनेफिट के तौर पर इनका लाभ उठाया जा सकता है। बीमाधारक अपनी पॉलिसी में जॉब कवर ऐड करा सकते हैं। यह कवर किसी गंभीर बीमारी या दुर्घटना के चलते नौकरी छूटने की स्थिति में मिलता है। कुछ प्रॉडक्ट बड़े पर्सनल लोन के लिए भी कवरेज देते हैं। जॉब छूटने पर ये पॉलिसी कुछ समय के लिए होम लोन जैसे बड़े कर्जों की ईएमआई भरने की टेंशन से राहत देते हैं। आपको कवरेज के महीनों के दौरान ईएमआई भरने की टेंशन नहीं रहती हैए जिससे आपको इनकम (Income) का अन्य जरिया तैयार करने का पर्याप्त समय मिल जाता है।
अभी ये लाभ हर किसी के लिए उपलब्ध नहीं हैं। इसके लिए कुछ जरूरी शर्तें हैं। इसका लाभ सिर्फ रजिस्टर्ड कंपनियों के कर्मचारी ही उठा सकते हैं। अगर पॉलिसी की वेटिंग पीरियड में नौकरी चली जाती है तो इस मामले में भी कवरेज नहीं मिलता है। इनके अलावा खराब परफॉर्मेंस या फर्जीवाड़े के कारण नौकरी से निकाले जानेए प्रोबेशन पीरियड में हटा दिए जाने या स्वेच्छा से रिटायरमेंट लेने की स्थिति में भी ये लाभ नहीं मिलते हैं।
- Advertisement -