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धर्मशाला। हिमाचल के कांगड़ा (Kangra) जिला में महिला वन रक्षक (Woman Forest Guard) को विभाग ने निलंबित (Suspend) कर दिया है। इस महिला वन रक्षक पर यह गाज इसलिए गिरी क्योंकि इसे अपनी बीट की सीमाओं का ही पता नही था। जिसके चलते इसकी बीट में अवैध खैर कटान हुआ। मामले में कोताही बरतने पर इस महिला वन रक्षक को निलंबित किया गया है। मामला वन मंडल नूरपुर के तहत आती वन बीट कंडवाल का है। वन विभाग इस बीट में कितना अवैध कटान (Illegal Harvesting) हुआ है इसकी जांच कर रहा है। बता दें कि इस बीट की सीमा पंजाब से लगती है और इस महिला वन रक्षक को उनकी बीट की सीमा कहां से कहां तक है और उनकी बीट में अभी तक कितना खैर कटान हुआ है इसकी जानकारी ही नहीं थी।
मिली जानकारी के अनुसार इन दिनों वन मंडल नूरपुर (Nurpur) के तहत विभिन्न बीटों में वैध रूप से खैर कटान का काम चल रहा है। नूरपुर वनमंडल पंजाब राज्य की सीमा के साथ लगता है। जिस कारण इस क्षेत्र के तहत आती कई ऐसी बीट हैंए जो अवैध कटान की दृष्टि से संवेदनशील हैं। यहां पर आए दिन यहां की विभिन्न बीटों के तहत आते जंगलों में अवैध कटान माफिया की ओर से कटान को अंजाम दिया जाता रहा है। बता दें कि अवैध कटान माफिया भी उसी समय सक्रिय होते हैं जब जब वैध रूप से खैर कटान शुरू होता है। क्योंकि ऐसे समय के खैर के पेड़ों के कटान को लेकर बहुत अधिक सख्ती से जांच नहीं होती है। इसके अलावा कुछ ठेकेदार बड़ी सफाई से कटान की आड़ में अवैध रूप से भी खैर के पेड़ों को काट लेते हैं।कंडवाल वन बीट में भी अवैध कटान हुआ है। जिसमें वनरक्षक (Forest Guard) की लापरवाही सामने आई है। जिस पर उपरोक्त कार्रवाई अंजाम में लाई गई है। वहीं वन वृत्त धर्मशाला के मुख्य अरण्यपाल डीआर कौशल के मुताबिक अवैध कटान के मामले में कंडवाल वन बीट की वनरक्षक को निलंबित किया गया है। इस मामले में कितना कटान है अभी इसकी जांच चल रही है। अवैध खनन माफिया के खिलाफ भी शिकंजा कसा जाएगा।
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