-
Advertisement
हिमाचल में नर्सिंग के खाली पदों को भरने पर क्या बोली सरकार, यहां जाने
शिमला। हिमाचल में इस समय नर्सिंग (Nursing) के 800 पद खाली हैं। इनमें से 238 पदों को बैचवाइज भरा जाएगा। कांग्रेस विधायक मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में हर साल 4,336 एएनएम, जीएनएम, बीएससी, पोस्ट बीएससी व एमएससी नर्सिंग कर रही हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सैजल (Health Minister Dr. Rajiv Saizal) ने कहा कि प्रदेश में इस समय नर्सिंग के सरकारी क्षेत्र में 11 संस्थान चल रहे हैं, जिनके माध्यम से पढ़ाई हो रही है। इसके अलावा निजी क्षेत्र में ऐसे 108 संस्थान चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि एमएससी नर्सिंग राजकीय संस्थानों में 100 और निजी संस्थानों में 8, बीएससी नर्सिंग सरकारी सेक्टर में दो और निजी सेक्टर में 41, जीएनएम राजकीय संस्थान में छह और निजी सेक्टर में 36, पोस्ट नर्सिंग राजकीय सेक्टर में 1 और निजी सेक्टर में 17 संस्थान हैं। एएनएम नर्सिंग सरकारी सेक्टर में एक और निजी सेक्टर में 7 संस्थान हैं। उन्होंने बताया कि एमएससी नर्सिंग में 181 सीटें हैं, जबकि बीएससी नर्सिंग में 1770, पोस्ट बीएससी नर्सिंग में 535, जीएनएम नर्सिंग में 1546 और एएनएम नर्सिंग में 310 सीटें हैं।
यह भी पढ़ें: हिमाचल बजट: 30 हजार नई नौकरियां, डाक्टरों के 500 पद होंगे सृजित, और भी बहुत कुछ
हिमाचल प्रदेश के युवाओं में बढ़ रही नशे की लत को छुड़ाने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार हर जिले में एक-एक नशा मुक्ति केंद्र (Drug de-Addiction Center) खोलेगी। कंडाघाट में राज्य स्तरीय नशा मुक्ति केंद्र खोला जाएगा, जो सरकार की देखरेख में चलेगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल के मूल सवाल का जवाब में कहा कि प्रदेश के नशा मुक्ति केंद्रों में मारपीट और प्रतिबंधित दवाएं पाए जाने जैसी अनियमितताओं के मामले सरकार के ध्यान में आए हैं, जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि अनियमितताओं को रोकने की जिम्मेदारी राज्य मेंटल हेल्थ प्राधिकरण की है। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि नशा मुक्ति केंद्रों में अनियमितताएं ना हो, सरकार इस बात को सुनिश्चित करेगी।
हिमाचल में 79 नशा मुक्ति केंद्र
डॉ. सैजल ने कहा कि प्रदेश में इस समय 79 नशा मुक्ति केंद्र हैं। इनमें दो सरकारी और 77 गैर सरकारी नशा मुक्ति केंद्र चल रहे हैं और इनमें 14093 लोग इलाज के लिए भर्ती हैं। उन्होंने कहा कि ऊना जिला में सबसे ज्यादा 4052 लोग इलाज के लिए भर्ती हैं। सोलन जिले में 2440, कांगड़ा में 2136, कुल्लू में 1475, हमीरपुर में 346, मंडी में 285, शिमला में, सिरमौर में 569 और बिलासपुर में 104 लोगों का इलाज नशा मुक्ति केंद्रों में चल रहा है।
544 गांव में मोबाइल सिग्नल की है दिक्कत, केंद्र से उठाएंगे मामला
हिमाचल विधानसभा में आज तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ रामलाल मार्कंडेय (Dr. Ramlal Markandeya) ने कहा कि प्रदेश में इस समय 544 गांव में मोबाइल सिग्नल (Mobile Signal) की दिक्कत है। इसमें बिलासपुर में 4, चंबा में 89, हमीरपुर में 3, कांगड़ा मं 16, किन्नौर में 5, कुल्लू में 114, लाहुल स्पीति में 101, मंडी में 98, शिमला में 47, सिरमौर में 9, सोलन में 28 और ऊना में दो जगह मोबाइल के सिग्नल में दिक्कत है। विधायक सुंदर सिंह ठाकुर के सवाल का जवाब देते हुए डॉ. मार्कंडेय ने कहा कि इस समस्या को दूर करने का मामला केंद्र सरकार से उठाया गया और फिर ज्वाइंट इंस्पेक्शन भी की गई। वहीं, विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि मोबाइल सिग्नल ना होने की वजह से उनके क्षेत्र में बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई प्रभावित हो रही है। डिपुओं में राशन जारी करने में समस्या पेश आ रही है।