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फूलों के उत्पादन पर 85 प्रतिशत का अनुदान, सालाना कमाई 5 से 7 लाख
हिमाचल प्रदेश में फूलों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए हिमाचल सरकार द्वारा आरम्भ की गई हिमाचल पुष्प क्रांति योजना प्रदेश के किसानों व बागवानों के लिए बेहद कारगर सिद्ध हो रही है। योजना का मुख्य उद्देश्य फूलों की खेती को बढ़ावा देकर स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान कर आने वाले समय में हिमालच को पुष्प राज्य के रूप में विकसित करना है। हिमाचल पुष्प क्रांति योजना (Himachal Pushp Kranti Yojana) को अपना कर किस प्रकार अपनी आय में बढ़ौतरी कर एक सुखी जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
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इसका उदाहरण देते हुए (Baroth in Rajgarh subdivision of district Sirmaur) जिला सिरमौर के राजगढ़ उपमंडल के गांव बरोठ के सुरेन्द्र कुमार (Surendra Kumar) कहते हैं कि खेती-बाड़ी से अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे पर इसके साथ ही उनकी रुचि फूलों की खेती में थी। खेती-बाड़ी व अन्य घरेलू कार्यों मेंव्यस्त रहने वाले सुरेन्द्र कुमार के चेहरे पर एक मुस्कान तब नज़र आई जब उन्हें हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के बारे में पता चला। इसलिए उन्होंने कुछ नया करने का मन बना लिया जिससे उनकी आर्थिकी भी सुदृढ़ हुई। उनका कहना है कि यदि व्यक्ति किसी भी कार्य को मेहनत व लगाव से करता है तो उसे उस कार्य में अवश्य ही कामयाबी मिलती है। इस कामयाबी का श्रेय उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही हिमाचल पुष्प क्रांति योजना को दिया है, जिसके कारण प्रदेश के किसानों व बागवानों और ग्रामीण बेराजगार युवाओं को स्वरोजगार का बेहतर विकल्प उनके घर-द्वार पर ही उपलब्ध हो रहा है।
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सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि बाग़वानी विभाग (Horticulture Department) द्वारा पुष्प क्रांति योजना के तहत विभिन्न किस्मों के फूल (Flowers of different Varieties) तैयार करने के लिए उच्च तकनीक वाले पाॅलीहाउस बनाने और पुष्प की खेती के बारे में किसानों व बागवानों को समय-समय पर प्रशिक्षण व जानकारी दी जाती है। इस योजना के तहत किसानों को गुलाब, कारनेशन, लीलियम तथा जरबेरा जैसे मुख्य पुष्पों के उत्पादन के लिए 85 प्रतिशत का अनुदान (85 percent Grant) भी विभाग द्वारा दिया जाता है। इसके अलावा इन फूलों की पनीरी की खरीद के लिए 50 प्रतिशत का अनुदान भी दिया जाता है। इसके बाद उन्होंने पुष्प की खेती के लिए प्रौजेक्ट रिपोर्ट बनाकर बागवानी विभाग के कार्यालय राजगढ़ में आवेदन दिया। उद्यान विभाग राजगढ़ द्वारा पुष्प क्रांति योजना के तहत उन्हें 1500 वर्ग मीटर पाॅलीहाउस का निर्माण करने व फूलों की खेती के लिए 12 लाख 36 हजार रूपये का अनुदान सहायता राशि दी गई। सुरेन्द्र कुमार कहते हैं कारनेशन के पौधे से 3 वर्षों तक फूल प्राप्त कर सकते हैं। एक पौधे से एक साल में 10 स्टिक फूलों की निकलती है और प्रत्येक स्टिक की लंबाई लगभग ढाई से तीन फुट तक होती है और बाजार में इसके अच्छे दाम भी मिलते हैं। 1500 वर्ग मीटर क्षेत्र में 35 हजार तक प्लांटिंग की जा सकती है। पुष्प क्रांति योजना के जरिए युवा, किसान व बागवान फूलों की खेती करके अच्छी कमाई कर सकते हैं। यहां की जलवायु फूलों के उत्पादन के लिए उपयुक्त है और किसान कम भूमि में भी फूलों की खेती (Cultivating Flowers) करके अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
उनका कहना है कि पुष्प उत्पादन से वह लगभग 5 से 7 लाख रुपए सालाना कमा रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा (Unemployed Youth) बेरोजगार युवाओं, किसानों व बागवानों के हित व कल्याण के लिए आरम्भ की गई इस योजना का लाभ जरूरतमंदों तक पहुँचाने के लिए उन्होंने प्रदेश सरकार तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का आभार व्यक्त किया है।
हिमाचल पुष्प क्रांति का लाभ उठाने के लिए इच्छुक किसानों व बागवानों को जिला स्तर पर जिला उप-निदेशक उद्यान व खण्ड स्तर पर विषय वाद विशेषज्ञ बागवानी/उद्यान विकास अधिकारी के कार्यालय में आवेदन करना होता है। तकनीकी व अन्य पहलुओं की समीक्षा के उपरांत उन्हें विभाग की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। हिमाचल पुष्प क्रान्ति योजना जहां स्वरोजगार के लिए वरदान साबित हो रही है वहीं फूलों के उत्पादन में बढ़ौतरी के लिए भी यह योजना सहायक सिद्व हो रही है।