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ये है वो गांव जहां के बच्चों को नहीं पता अपने पिता का नाम, वजह जानने के लिए पढ़े
क्या आपको पता है कि हमारे देश में एक गांव ऐसा भी है,जहां के बच्चों को अपने पिता का नाम तक नहीं पता। वजह जानेंगे तो आप भी हैरान रह जाएंगे। दरअसल, हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)के पन्ना जिले के एक गांव की जहां बच्चे अपने पिता को नहीं जानते। इसलिए इस गांव को मिसिंग फादर्स (Missing Fathers) के नाम से भी जानने लगे हैं। इस गांव में करीब 600 लोग रहते हैं इस गांव में बच्चों के पिता को ना पहचाने के पीछे की वजह कुछ और नहीं रोजगार (Rozgar) की कमी बताई गई है। गांव के अधिकांश पुरुष काम की तलाश में गांव से बाहर ही रहते हैं। ये गांव सूखे से प्रभावित है इसलिए इस गांव के 70 फीसदी पुरुष गांव से बाहर मेहनत.मजदूरी कर घर चलाने को मजबूर हैं।
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कहा जाता है कि गांव के लोग काम की तलाश में हिमाचल प्रदेश ( (Himachal Pradesh), दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा चले जाते हैं। गांव में काफी समय से बारिश ना होने की वजह से गांव में भारी सूखा पड़ गया है, इसीलिए इस गांव में खेती करना भी संभव है। अब तो महिलाएं भी गांव छोड़कर अपने पति के साथ काम की तलाश में शहरों की ओर प्रस्थान कर रही हैं। गांव की अधिकांश महिलाएं अपने पति के साथ निर्माण स्थलों पर काम करती हैं। घर का खर्चा चल सके इसके लिए वह गर्भवती अवस्था में भी काम करना नहीं छोड़ती। जब उनके प्रसव का समय आता है तभी वह गांव लौटती हैं, वहीं बच्चे जैसे ही थोड़े बड़े होते हैं तो उन्हें गांव में परिवार के अन्य सदस्यों के पास छोड़कर दोबारा काम पर लौट जाती हैं।
कहते हैं कि इस गांव की महिलाओं (Women)को सुरक्षित प्रसव की भी सुविधा उपलब्ध नहीं है। जिसका खामियाजा उन्हें और उनके होने वाले बच्चों को भुगतना पड़ता है। गांव में कोई दाई भी नहीं है और उन्हें किसी अस्पताल में भी नहीं ले जाया जा सकता। जिसकी वजह अस्पतालों का गांव से दूर होना और गांव में पुरुषों का ना होना है। इसलिए घर की महिलाओं को ही डिलीवरी करनी पड़ती है। उसके बाद वह काम पर लौट जाती हैं, यही वजह है कि उनके बच्चों को अपने पिता का नाम तक नहीं पता होता है।