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कैसे हुआ चाय का आविष्कार, किसने दिया ये नाम, जानें क्या है इतिहास
Last Updated on January 27, 2022 by sintu kumar
दुनिया में बहुत कम लोग हैं जिन्हें चाय पसंद नहीं होती। सर्दी हो या गर्मी आखिर कौन सुबह की चाय पीना पसंद नहीं करता। हमारे देश में बहुत से लोग ऐसे हैं जो दिन में कई बार चाय पीते हैं या यूं कहें कि वे कभी चाय (Tea) पीने का मौका नहीं छोड़ते हैं। लोगों की तो दिन की शुरुआत चाय से होती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि चाय की शुरुआत कहां से हुई।
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यह बात जानकर आपको हैरानी होगी कि चाय की शुरुआत लगभग 5000 साल पहले चीन से हुई थी। हालांकि, तब चाय की कोई खास रेसिपी नहीं थी, बल्कि यह तो गलती से बनाई गई थी। प्रचलित कहानी के अनुसार, 2732 BC में चीन के शासक शेंग नुंग ने चाय का आविष्कार किया था। शेंग नुंग जब अपना पानी उबाल रहे थे, तो एक जंगली पौधे की पत्तियां उसमें गिर गई। वहीं, जब शेंग नुंग ने देखा कि इसका रंग लाल होता जा रहा है और खुशबू भी आ रही है, तो उन्होंने इसे पीकर देखा। जिसके बाद शेंग नुंग को अहसास हुआ की इसमें ताजगी भरी है और शरीर की थकान कम लग रही है। जिसके बाद फिर शेंगु नुंग ने चाय का नाम ‘चा.आ’ रखा था। चा.आ एक चीनी अक्षर है, जिसका मतलब है परखना या खोजना।
ऐसे पड़ा ये नाम
1658 में पहली बार ब्रिटेन के अखबार में चाय का विज्ञापन छपा। तब तक कुछ चीनी और पुर्तगाली व्यापारी इसे ब्रिटिश बाजारों तक पहुंचा चुके थे। इस दौरान इसका नाम ‘टे’ था, लेकिन बाद में इसका नाम ‘टी’ बन गया.
यहां चाय में डालते हैं बटर
आमतौर पर तिब्बती लोग एनर्जी और कैलोरी (Calories) की मात्रा बढ़ाने के लिए चाय में बटर का इस्तेमाल करते हैं। तिब्बत में इसे ‘पो चा’ के नाम से जाना जाता है। तिब्बत में बटर टी बनाने की पारंपरिक प्रक्रिया इतनी आसान नहीं है। वहां इसे बनाने के लिए पेमागुल क्षेत्र में पैदा होने वाली एक खास काली चाय का ही इस्तेमाल किया जाता है। इस चाय को पानी में तब तक उबाला जाता है, जब तक कि यह मिश्रण गाढ़ा और डार्क ब्राउन कलर का न हो जाए।
भारत में इतने किस्म की हैं चाय
भारत के हिमाचल, दार्जिलिंग व तमिलनाडु आदि जगहों की चाय पूरी दुनिया में आपूर्ति होती है। भारत में 50 से ज्यादा किस्म की चाय उगाई जाती है और इन्हें तैयार करने की भी दर्जनों रेसिपी हैं। खास बात ये है कि भारतीय चाय के पाउडर से दवाएं भी बनती हैं। चाय से हर्बल कैप्सूल बनाए जाते हैं, जो कि शरीर में रोग इम्यूनिटी सिस्टम को ठीक करने में मदद करता है।