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कभी भी श्री गणेश को अर्पित ना करें ये चीज, असफल हो जाएगी पूजा
भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि भगवान श्री गणेश को समर्पित है। इस साल गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) 31 अगस्त को मनाई जाएगी। भगवान श्री गणेश को कई तरह की चीजें चढ़ाई जाती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान श्री गणेश को कभी भी तुलसी का भोग नहीं लगाया जाता है।
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मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री गणेश को पूजा के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार श्री गणेश तपस्या में लीन थे। इस दौरान तुलसी देवी वहां से गुजरी। भगवान गणेश को तपस्या करते देख तुलसी देवी (Tulsi Devi) भगवान गणेश पर मोहित हो गई। इसके बाद उन्होंने श्री गणेश की तप्सया भंग कर उन्हें शादी का प्रस्ताव दिया। हालांकि, श्री गणेश ने खुद को ब्रह्मचारी और भगवान विष्णु का भक्त होने का दावा करके तुलसी के विवाह के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
इसके बाद तुलसी देवी ने क्रोधित होकर उन्हें श्राप दिया कि आपने ब्रह्मचारी होने का दावा करके मेरे विवाह प्रस्ताव के अस्वीकार कर दिया है इसलिए आपकी एक नहीं बल्कि दो पत्नियां होंगी। वहीं, इतना सुनते ही श्री गणेश क्रोधित हो गए और उन्होंने तुलसी देवी के श्राप दिया कि तुम्हारा विवाह एक असुर से होगा। हालांकि, श्राप देने के बाद दोनों को अपनी गलती का अहसास हुआ। इसके बाद श्री गणेश (Shri Ganesh) ने कहा मेरे फलस्वरूप तुम्हारा किसी असुर से विवाद अवश्य होगा, लेकिन बाद में तुम एक पवित्र पौधे का रूप धारण करके भगवान विष्णु की प्रिय बन जाओगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि तुम्हें मेरी पूजा में स्थान नहीं दिया जाएगा।
इतने बजे शुरू होगा शुभ मुहूर्त
इस साल गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त 31 अगस्त से शुरू हो रहा है। हालांकि, 30 अगस्त दोपहर 03.33 मिनट से चतुर्थी तिथि लग जाएगी, जिसका समापन 31 अगस्त दोपहर समय 03.22 मिनट पर होगा। 31 अगस्त को पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11.05 मिनट से लेकर दोपहर 01.38 मिनट तक होगा।