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हिमाचल हाईकोर्ट में रखी अंधाधुंध निर्माण से जुड़े मामले की जानकारी, यहां जाने डिटेल
Last Updated on September 27, 2022 by sintu kumar
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) में पहाड़ों पर अंधाधुंध और बेतरतीब निर्माण से जुड़े मामले पर हुई सुनवाई (Hearing) के दौरान बताया गया कि कुमारहट्टी के समीप बहुमंजिला इमारतों के निर्माण की जांच के लिए संयुक्त कमेटी का गठन किया गया है। अतिरिक्त उपायुक्त सोलन की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) के अधिशाषी अभियंता, जिला वन अधिकारी और टॉउन एंड कंटरी प्लानर को इसका सदस्य बनाया गया है। अदालत को बताया गया कि इस कमेटी का गठन 20 सितंबर को किया गया था। अदालत को यह भी बताया गया कि कुमारहट्टी क्षेत्र को नजदीकी प्लानिंग क्षेत्र में मिलाए जाने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि इस बारे मंत्रीमंडल की ओर से अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बड़ोग क्षेत्र नजदीक होने के कारण कुमारहट्टी को साडा बड़ोग में विलय करने की संभावना भी तलाशी जा रही है।
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उल्लेखनीय है कि पहाड़ियों पर बेतरतीब व अवैध निर्माणों के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से जवाब शपथ पत्र दाखिल करने के आदेश दिए थे। मुख्य न्यायाधीश ए ए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने पहाड़ों पर अवैध निर्माणों के मुद्दे को अतिमहत्वपूर्ण और गंभीर बताया। कोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश दिए थे कि वह अपने जवाब शपथपत्र में यह भी स्पष्ट करे कि प्रदेश की कौन सी अथॉरिटी ने सोलन जिला के गांव खील झालसी से कोरों गांव को मिलाकर कैंथरी गांव तक के 6 किलोमीटर की सड़क के दोनो तरफ बहुमंजिला इमारतों को बनाने की अनुमति प्रदान की है। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया पाया था कि ऐसे बेतरतीब और अंधाधुंध निर्माणों को रोकने के लिए कोई निर्धारित नियम नहीं है। कोर्ट का मानना था कि पर्यावरण दृष्टि से संवेदनशील इलाके में यह इमारतें पहाड़ों को काटकर बनाई गई प्रतीत होती है। प्रार्थी कुसुम बाली ने याचिका में यह भी बताया है कि यह निर्माण गैरकानूनी है। इनसे पर्यावरण पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकते हैं। कोर्ट ने प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी पहाड़ों को काटकर इन अंधाधुंध और बेतरतीब निर्माणों को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों से अवगत करवाने के आदेश भी मुख्य सचिव को दिए थे।
4 सप्ताह बाद होगी जेबीटी भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई
शिमला। जेबीटी भर्ती प्रक्रिया (JBT Recruitment Process) को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई चार सप्ताह के लिए टल गई है। सेवानिवृत्त न्यायाधीश डीपी सूद की मृत्यु पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने अपने आप को अदालती कामकाज से अलग रखा। वहीं हिमाचल के पूर्व न्यायाधीश डीपी सूद के आकस्मिक निधन पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने शोक जताया है।