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भूकंप के झटकों के बाद अलर्ट हुआ नगर निगम शिमला ,कई भवन मालिकों को नोटिस जारी
Last Updated on March 23, 2023 by saroj patrwal
शिमला। हिमाचल में आए भूकंप के झटकों के बाद नगर निगम भी अलर्ट हो गया है। नगर निगम ने शहर के कई भवन जो डेंजर जोन में हैं,उनके मालिकों को नोटिस जारी किए हैं, । क्योंकि भूंकप के लिहाज से शिमला शहर बहुत संवेदनशील है। अधिकतर इमारतें भूकंप रोधी नहीं हैं। अगर कोई बड़ा भूकंप आता है तो जान-माल की भारी क्षति हो सकती है।
लोगों को नुकसान होने की संख्या भी 20,446 आंकी गई
शिमला के दो सिंकिंग जोन में रिज, ग्रैंड होटल, लक्कड़ बाजार, सेंट्रल स्कूल, ऑकलैंड नर्सरी स्कूल, धोबीघाट, कृष्णानगर और होटल क्लार्क्स के आसपास के इलाके शामिल हैं। जहां पर कोई नई बिल्डिंग बनाना खुद विनाश को न्योता देना है। भूकंप आने पर गिर सकती है। 39 फीसदी भवन शिमला ड्राफ्ट डेवलपमेंट प्लान (SDP) में स्पष्ट रूप से पर्यावरण और प्राकृतिक खतरे पर अध्याय 12 के तहत पेज 156 पर उल्लेख किया गया है कि शिमला में भीषण भूकंप की स्थिति में 39 फीसदी इमारतें गिर सकती है। एक गंभीर भूकंप के मामले में, 39 परसेंट इमारतों के गिरने या गंभीर क्षति होने की संभावना है। इसमें लोगों को नुकसान होने की संख्या भी 20,446 आंकी गई है।
नोटिक से बाद भी भवन खाली नहीं किए
25,000 की आबादी के लिए स्थापित शिमला शहर में अब 2.3 लाख लोगों के रहने का अनुमान है। इमारतों को बनाने के लिए 70 डिग्री तक की ढलानों पर अनुमति दी गई है। शिमला भूकंपीय क्षेत्र IV में है। भूकंप के सबसे खतरनाक जोन में होने के बाद भी यहां लापरवाही जारी है। स्थिति को ध्यान में रखते हुए, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 2017 में शिमला के मुख्य और हरित क्षेत्रों में बिल्डिंग बनाने समेत सभी निर्माण पर प्रतिबंध लगाया था।
नगर निगम के आर्किटेक्ट प्लानर मेहबूब शेख का कहना है कि शिमला में 250 से ज्यादा बिल्डिंगे हैं जिन्हें नोटिस दिया गया है। बावजूद इसके अभी तक खाली नहीं की गई है। निगम प्रशासन अब इन मकान मालिकों के खिलाफ सख्ती से पेश आएगा। उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले शहर में भूकंप के झटकों ने यह साबित कर दिया है कि यह स्थिति दोबारा से बनेगी।