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शाह की वर्चुअल रैली : बोले- ‘नितिश कुमार के नेतृत्व में दो-तिहाई बहुमत हासिल करेगा NDA’
नई दिल्ली। कोरोना महामारी (Corona epidemic) के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बिहार में पहली वर्चुअल रैली की। बिहार (Bihar) में इस साल अक्टूबर या नवंबर में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) कराए जा सकते हैं, ऐसे में इस रैली को चुनाव प्रचार के तौर पर देखा जा रहा है। इस रैली में उन्होंने ‘बिहार जनसंवाद’ को संबोधित करते उन्होंने विरोधी दलों पर निशाना साधा। लालू यादव और उनके परिवार के थाली बजाकर रैली का विरोध करने पर उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा आज जब मैं वर्चुअल रैली के माध्यम से आपसे संवाद कर रहा हूं तब कुछ लोगों ने अभी थाली बजाकर इस रैली का स्वागत किया है। उन्होंने कहा- ‘अच्छा लगा कि देर-सवेर पीएम मोदी की अपील को उन्होंने माना। ये राजनीतिक दल के गुणगान गाने की रैली नहीं है। ये रैली जनता को कोरोना के खिलाफ जंग में जोड़ने और उनके हौसले बुलंद करने के लिए है।
लाइव: केंद्रीय गृह मंत्री श्री @AmitShah वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से #बिहार_जनसंवाद रैली को संबोधित करते हुए। https://t.co/bufwyTSlom
— BJP (@BJP4India) June 7, 2020
शाह ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए हुई अपनी इस वर्चुअल रैली में कहा अब समय लालटेन से LED में बदल चुका है। उन्होंने कहा है कि ये चुनावी सभा नहीं है साथ ही उनका उद्देश्य लोगों को जोड़ना है। ताकि कोरोना से एकजुट होकर लड़ा जा सके। जनता कर्फ्यू भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के अंदर स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा कि देश के एक नेता की अपील पर कोई पुलिस बल प्रयोग किए बगैर पूरे देश ने घर के अंदर रहकर अपने नेता की अपील का सम्मान किया। चाहे उन्होंने थाली और घंटी बजाने को कहा, चाहे दीया जलाने को कहा, चाहे सेना के जवानों द्वारा आकाश से कोरोना वॉरियर्स पर फूल बरसाने की बात हो, ये सब पीएम की अपील ही थी। कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक प्रोपेगेंडा कहा, मगर जो कह रहे हैं उनको ये मालूम नहीं है कि ये राजनीतिक प्रोपेगेंडा नहीं है बल्कि ये देश को एक बनाने की मुहिम है।
उन्होंने बिहार की जनता को सम्बोधित करते हुए कहा- ‘मोदी सरकार ने छह साल के अंदर करोड़ों गरीबों के जीवन में प्रकाश लाने का एक प्रयास किया है, जिसका सबसे बड़ा फायदा अगर किसी को हुआ है तो वो मेरे पूर्वी भारत के लोगों को हुआ है। आवास, बिजली, बैंक खाते, स्वास्थ्य सेवाएं, गैस सिलेंडर, शौचालय, ये सब तो मोदी सरकार 2014-2019 तक के कार्यकाल में ही दे चुकी थी। 2019 में मोदी सरकार ने जल शक्ति मंत्रालय गठित करके देश के 25 करोड़ लोगों के घर में नल से शुद्ध जल पहुंचाने की योजना शुरू की।’
उन्होंने कांग्रेस पर हमलावर होते हुए कहा- ‘राहुल गांधी हमेशा कहते थे कि किसानों का कर्ज माफ करो। 10 साल उनकी सरकार रही थी, तो वो दावा करते हैं कि करीब 3 करोड़ किसानों का 60 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया, जबकि पीएम मोदी ने किसान सम्मान निधि के माध्यम से 9.5 करोड़ किसानों के बैंक खाते में 72,000 करोड़ रुपए हर साल डालने की व्यवस्था की।
आरसीईपी की चर्चा कांग्रेस शुरू करके गई थी। इसकी वजह से छोटे किसान, मछुवारे, छोटे कारोबारी, छोटे उद्योग ये सब तबाह हो जाते, लेकिन पीएम ने छोटे किसानों, छोटे व्यापारियों के हित में दृढ़ता से फैसला लेते हुए आरसीईपी समझौते से भारत को अलग कर लिया। अमित शाह ने कहा कि आजादी के बाद जब कांग्रेस पार्टी की नेता इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र का गला घोटने का प्रयास किया तब बिहार की जनता ने ही जेपी आंदोलन करके फिर से एक बार लोकतंत्र को स्थापित करने का काम किया।
अमित शाह ने कहा- साल 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत का विकास जो अब तक चला, उसमें पश्चिमी भारत और पूर्वी भारत के विकास में बहुत बड़ा अंतर है। आजादी के समय जीडीपी के अंदर पूर्वी भारत का योगदान बहुत ज्यादा होता था, परंतु आजादी के बाद से जिस प्रकार से सरकारें चली उन्होंने पूर्वी भारत के विकास से मुंह मोड़ लिया था और परिणाम ये आया कि पूर्वी भारत पिछड़ता गया।
शाह ने कहा- ‘बीजेपी की सरकार गरीबों की सरकार है। बिहार की धरती ने ही पहली बार दुनिया को लोकतंत्र का अनुभव कराया। जहां महान मगध साम्राज्य की नींव डाली गई। इस भूमि ने हमेशा भारत का नेतृत्व किया है। इस रैली का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। बीजेपी लोकतंत्र में विश्वास रखती है।’