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देश में 15 मई तक पीक पर होगा कोरोना, हर दिन करीब 5,600 लोग गंवाएंगे जान
नई दिल्ली। कोरोना ने इस समय देशभर में कहर मचा रखा है। रोजाना हजारों लोग जान गंवा रहे हैं। बीते 24 घंटे में 3,44,949 नए मामले मिले हैं और 2,415 लोगों की मौत हुई है। देश में कई राज्यों में इस समय लॉकडाउन और कर्फ्यू आदि लगाया गया है। इसी बीच एक चिंता की बात सामने आई है। एक अमेरिकी विश्वविद्यालय (American University) की स्टडी में चेतावनी दी गई है कि भारत में कोरोना संक्रमण का पीक मई महीने के बीच में यानी 15 मई तक होगा। स्टडी (Study) में कहा गया है कि मई महीने के बीच में दैनिक मृत्युदर का आंकड़ा 5,600 होगा और यही हाल रहे तो अप्रैल से अगस्त के बीच कोरोना संक्रमण से करीब तीन लाख लोगों की मौत हो सकती है।
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वाशिंगटन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) ने ‘कोविड-19 प्रोजेक्शन’ शीर्षक पर एक अध्ययन किया है। इस अध्ययन में दावा किया गया है कि कोरोना माहामारी का ये दौर आने वाले सप्ताह में स्थिति और भी बिगाड़ेगा। भारत में संक्रमण और मौतों की वर्तमान दर के आधार पर आईएचएमई के विशेषज्ञों द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि मई के बीच में कोरोना अपनी पीक पर होगा। इस अध्ययन के अनुसार 10 मई को दैनिक मौतों की दर 5,600 पहुंच जाएगी, वहीं अप्रैल से एक अगस्त के बीच मौतों का आंकड़ा 3 लाख 29 हजार होगा वहीं जुलाई के अंत तक मौत का ये आंकड़ा 6 लाख 65 हजार तक बढ़ सकता है।
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मास्क बचा सकता है कईयों की जान
स्टडी के एक और पहलू में ये भी कहा गया है कि अप्रैल के तीसरे सप्ताह के अंत तक यदि सभी ने मास्क (Mask) पहनने की आदत को गंभीरता से नहीं लिया तो मौत के इस आंकड़े को 70 हजार तक कम किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर 2020 से फरवरी 2021 के मध्य भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों और मौतों की संख्या में गिरावट देखी गई, लेकिन उसके बाद अचानक अप्रैल में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे। इसके पीछे का कारण सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने को लेकर की गई लापरवाही बताया गया है। अप्रैल के प्रथम सप्ताह में कोरोना संक्रमण के 133,400 मामले सामने आने लगे, जो मार्च के अंतिम सप्ताह में 78 हजार थे। इस बीच मौत का प्रतिदिन का आंकड़ा 970 से 1500 पहुंच गया। वहीं पंजाब, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में दैनिक मृत्युदर प्रति 10 की आबादी पर चार से अधिक है।
हालांकि इस गंभीर स्थिति के बीच IHME के विशेषज्ञों ने कोविड-19 वैक्सीन पर भरोसा दिखाया है। उनके अध्ययन के अनुसार जुलाई के अंत तक वैक्सीनेशन से 85,600 लोगों की जान बचाई जाएगी। इसलिए ही वैक्सीनेशन के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।