-
Advertisement
#Air_Force: बोइंग ने भारत को 22 अपाचे व 15 चिनूक हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी पूरी की
Last Updated on July 10, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी बोइंग (Boeing) ने कहा है कि उसने भारतीय वायुसेना को 22 AH-64E अपाचे (Apache) और 15 CH-47F(I) चिनूक (Chinook) सैन्य हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी पूरी कर ली है। इन 22 में से आखिरी 5 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी जून में की गई जबकि अंतिम 5 चिनूक हेवी लिफ्ट हेलीकॉप्टरों को मार्च 2020 में भारतीय वायुसेना को सौंप दिया गया था। बोइंग ने एक बयान में कहा कि 22 अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर के अंतिम पांच हेलिकॉप्टर हिंडन एयरबेस पर वायुसेना को सौंपे गए हैं। इसके अलावा चिनूक हेलिकॉप्टर की डिलीवरी भी मार्च के महीने में कर दी गई है।
पंजाब के पठानकोट और जोरहाट एयरबेस पर तैनात किया जाना है
यह फ्लीट अब वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास प्रमुख हवाई ठिकानों पर तैनात विमानों एवं हेलीकाप्टरों का हिस्सा बन गई है। पाकिस्तान और चीन पर नजर रखने के लिए अपाचे हेलिकॉप्टर्स को पंजाब के पठानकोट और जोरहाट एयरबेस पर तैनात किया जाना है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एएच-64ई अपाचे दुनिया के सबसे हाईटेक मल्टीपर्पस फाइटर हेलीकाप्टरों में से एक है और इसे अमेरिकी सेना की तरफ से उड़ाया जाता है। चिनूक एक मल्टीपर्पस वर्टिकल लिफ्ट हेलीकॉप्टर है जिसका उपयोग मुख्य रूप से सैनिकों, तोपखाने, उपकरण और ईंधन के परिवहन के लिए किया जाता है। बोइंग ने कहा कि वह भारतीय सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
यह भी पढ़ें : Cabinet: सेना और अर्द्ध सैनिक बलों की वर्दी पहनने के इच्छुक युवाओं को तोहफा
अमेरिका ने भारत को एक प्रमुख रक्षा साझेदार का दर्जा दिया था
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने 22 अपाचे और 15 चिनूक हेलीकॉप्टरों के उत्पादन, प्रशिक्षण व समर्थन के लिए बोइंग के साथ सौदे को सितंबर 2015 में अंतिम रूप दिया था। वहीं, इस साल की शुरूआत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दिल्ली यात्रा के दौरान भारतीय सेना के लिए छह अपाचे हेलीकॉप्टर का अनुबंध हुआ था। भारत और अमेरिका के बीच रक्षा और प्रतिरक्षा संबंध पिछले छह वर्षों से और प्रगाढ़ हुए हैं। द्विपक्षीय रक्षा व्यापार 2019 में 18 अरब अमरीकी डॉलर पर पहुंच गया जो दोनों पक्षों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग को दर्शाता है। दोनों पक्ष रक्षा विनिर्माण में दोनों देशों के निजी क्षेत्रों के बीच संयुक्त उद्यम और सहयोग के लिए भी जोर दे रहे हैं। जून 2016 में अमेरिका ने भारत को एक प्रमुख रक्षा साझेदार का दर्जा दिया था।