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हवा में 10 मीटर आगे तक फैल सकता है कोरोना वायरस, यहां पढ़े सरकार की नई गाइडलाइन
कोरोना वायरस ( Corona virus) से बचने के लिए सरकार तीन एहतियाती सरल उपाय अपनाने का संदेश दे रही है । इन में दो गज दूरी यानी सोशल डिस्टेंसिंग , मास्क लगाना और हाथ- मुंह साफ रखना शामिल है। अब सरकार ने पूरी तरह से ये मान लिया है कि कोरोना वायरस हवा से भी फैल सकता है। केंद्र सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ( Vijay Raghavan, Scientific Advisor to the Central Government) के आफिस की ओर से जारी गाइडलाइंस ( Guidelines) के मुताबिक एयरोसोल और ड्रॉपलेट्स कोरोना वायरस का प्रमुख कारण है। कोरोना संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट्स हवा में दो मीटर तक जा सकते हैं, जबकि एयरोसोल उन ड्रॉपलेट्स को 10 मीटर आगे तक बढ़ा सकता है।
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एडवाइजरी के अनुसार किसी भी संक्रमित व्यक्ति की खांसी और छींक वायरस के फैलने का सबसे प्रमुख कारण है। खांसी और छींक के जरिए वायरस हवा में 10 मीटर दूर तक जा सकता है। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग( Social Distancing) के नियमों का पालन करने के साथ मास्क पहनना हमेशा बहुत जरूरी है। इसके अलावा बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमित मरीज की छींक और खांसी से भी वायरस फैल सकता है। जमीन पर गिरे छींक और खांसी से निकले कण भी संक्रमण को फैलने की वजह बन सकते हैं।
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Let outdoor air flow🪟 in to displace indoor air. This directional air flow and improved ventilation can lower the potential for infection from accumulated viral load in
closed spaces.Better the ventilation, lower the potential for transmission.
▪️https://t.co/mUYUBXGuic pic.twitter.com/MwXCZIeSGh
— PIB India (@PIB_India) May 20, 2021
क्या कहा गया है गाइडलाइन में….
-जिस तरह से खिड़कियों और दरवाजों को खोलने से हवा में गंध कम हो जाती है। उसी तरह से वेंटिलेशन और बेहतर हवा प्रवाह भी कोरोना संक्रमण के खतरे को कम करता है।
– वेंटिलेशन एक कम्युनिटी सुरक्षा है जो घर या काम पर हम सभी की सुरक्षा करती है। दफ्तरों, घरों और बड़े सार्वजनिक स्थानों में वेंटिलेशन की सलाह दी जाती है।
– गाइडलाइन में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में समान रूप से प्राथमिकता के साथ घरों, दफ्तरों और अन्य सार्वजनिक भवनों में वेंटिलेशन में सुधार किए जाने चाहिए।
– पंखे, खुली खिड़कियां और दरवाजे, यहां तक कि थोड़ी खुली खिड़कियों से भी बाहरी हवा अंदर आती है और अंदर की हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है। सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक, क्रॉस वेंटिलेशन और एग्जॉस्ट फैन संक्रमण के प्रसार को कम करने में फायदेमंद होंगे।
– गाइडलाइन में दफ्तरों, सभागारों, शॉपिंग मॉल में गैबल फैन सिस्टम और रूफ वेंटिलेटर के इस्तेमाल की सिफारिश की गई है। इसमें कहा गया है कि बार-बार सफाई और फिल्टर बदला जाए।
इन बातों का रखना होगा ध्यान
गाइडलाइन में कहा गया है कि संक्रमित व्यक्ति के बात करते, हंसते, गाते, खांसते या छींकते वक्त डॉपलेट या एयरोसोल के रूप में सलाइवा और नसल बाहर आ सकते हैं। ये वायरस ट्रांसमिशन के प्राइमरी सोर्स हैं। यहां तक की बिना लक्षण वाला संक्रमित व्यक्ति भी वायरस ट्रांसमिट कर सकता है।
– बिना लक्षण वाले लोग भी संक्रमण फैला सकते हैं। इसलिए लोगों को मास्क, दो मास्क या एक एन 95 मास्क पहनना चाहिए।
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