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देव आनंद को काला कोट पहनना कोर्ट ने किया था बैन, जानें क्या था कारण
बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व चर्चित है। बॉलीवुड अभिनेता देव आनंद (Dev Anand) बॉलीवुड के सदाबहार एक्टर्स में से एक हैं। देव आनंद अपने समय के सबसे बड़े सुपर स्टार रहे हैं। लोगों को उनकी लुक्स और उनका अलग अंदाज बेहद पसंद था। देव आनंद के काले कोट की दीवानगी इस कदर लोगों में बढ़ चुकी थी कि कोर्ट ने देव आनंद के काला कोट पहनने पर रोक लगा दी थी।
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खासतौर पर लड़कियों में तो देव आनंद की दीवानगी कुछ अलग ही थी। आलम ये था कि देव आनंद की एक झलक पाने के लिए लड़कियां बेताब रहती थीं। जब कभी देव आनंद सफेद शर्ट पर काले कोट में बाहर निकलते थे, तो उन्हें देखने के लिए लोगों की कतार लग जाती थी। देव आनंद का काला कोट (Black Coat) काफी मशहूर हो गया था। आज हम आपको बताएंगे कि देव आनंद के काले कोट में ऐसा क्या खास था कि लोग उनके दिवाने हो जाते थे और कोर्ट को देव आनंद के काले कोट पहनने पर बैन क्यों लगाना पड़ा।
फैशन आइकन थे देव आनंद
देव आनंद को बॉलीवुड का फैशन आइकन माना जाता था। अपने जमाने में देव आनंद अपने फैशन की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहते थे। जब साल 1958 में उनकी फिल्म काला पानी आई तो फिल्म में उनका लुक लोगों को बहुत पसंद आया। उन्होंने फिल्म में सफेद शर्ट और काला कोट पहना था। देव आनंद की लुक की दीवानगी इस हद तक बढ़ गई थी कि लोग उन्हें कॉपी करने लगे थे। खासतौर पर लड़कियां देव आनंद के इस लुक पर फिदा रहती थीं, लेकिन देव आंनद का ये लुक धीरे-धीरे मुसीबत बन गया था।
कोर्ट ने काला कोट किया बैन
लड़कियां देव आनंद के प्यार में इतनी पागल हो गई थीं कि वे देव आनंद के लिए छत से छलांग तक लगाने को तैयार हो जाती थीं। जिसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट को दखल देना पड़ा और कोर्ट ने देव आनंद का पब्लिक में काला कोर्ट पहनने पर बैन लगा दिया। बॉलीवुड में ये पहला मौका था जब कोर्ट के किसी सितारे के पहनावे पर दखलअंदाजी की हो, लेकिन लोगों की सुरक्षा के लिए कोर्ट को ये फैसला लेना पड़ा और देव आनंद का काला कोर्ट पहनना बैन करना पड़ा।
देव आनंद की आखिरी फिल्म
देव आनंद का जन्म 26 सितंबर, 1923 में गुरदास पुर (जो अब नारोवाल जिला, पकिस्तान में है) में हुआ और उनका निधन 88 साल की उम्र में 4 दिसंबर, 2011 को लंदन में हुआ। वे भारतीय सिनेमा के बहुत ही सफल कलाकार, निर्देशक और फिल्म निर्माता थे। देव आनंद की मुख्य अभिनेता के रूप में आखिरी फिल्म चार्जशीट थी।
देव आनंद का हिमाचल से था नाता
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (Dada Saheb Phalke Award) से अलंकृत दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता देव आनंद बॉलीवुड में कदम रखने से पहले धर्मशाला स्थित राजकीय डिग्री कॉलेज के स्टूडेंट रहे हैं। नटखट नेचर के मालिक होने के चलते उन्हें कॉलेज से सस्पेंड कर दिया गया था। वह उस वक्त धर्मशाला के चीलगाडी स्थित आवासीय कॉलोनी में रहा करते थे।