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देवता नाग धूंबल ने भगवान रघुनाथ के समक्ष लगाई हाजिरी, #Dussehra में ना बुलाने पर जताई नाराजगी
Last Updated on October 25, 2020 by Deepak
कुल्लू। अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव (International Dussehra Festival) में शिरकत करने के लिए देवी-देवता कुल्लू पहुंच चुके हैं। देवी हिडिम्बा ढोल-नगाड़ों की थाप पर हारियानों के साथ भगवान रघुनाथ के समक्ष सुल्तानपुर पहुंच गई है। इसके साथ ही देवता जमलू सहित अन्य देवी देवता भी बारी-बारी रघुनाथ के मंदिर में हाजिरी भरने के लिए पहुंच रहे हैं। देवता नाग घूंबल ने भगवान रघुनाथ मंदिर में लगाई हाजरी लगाई और साथ में दशहरा उत्सव में ना बुलाने पर नाराजगी जताई।
इसके बाद सभी देवी देवता अपने-अपने अस्थाई शिविरों के लिए रवाना होंगे। जहां बाद में भगवान रघुनाथ के ढालपुर पहुंचते ही रथ यात्रा शुरू होगी । हालांकि इस बार दशहरा उत्सव में शामिल होने के लिए 7 देवी-देवताओं के आने पर सहमति बनी थी लेकिन बताया जा रहा है कि कुछ और देवी-देवता इनके अलावा भी दशहरा में शिरकत करने के लिए पहुंच रहे हैं।
बिना बुलाए पहुंचे रथ यात्रा की व्यवस्था संभालने वाले नाग धूंबल
दशहरा उत्सव में सुरक्षा और रथ यात्रा की व्यवस्था संभालने वाले धूंबल नाग अपने हारियानों के साथ ढोल नगाड़ों की थाप पर दशहरा उत्सव में भाग लेने पहुंच गए हैं। हालांकि इस बार दशहरा उत्सव में भाग लेने वाले देवताओं की संख्या सात निर्धारित की गई थी लेकिन देवता धूंबल नाग उत्सव में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं।
गौरतलब है कि देवता धूमल नाग हलान दशहरा उत्सव के दौरान जुटने वाली भीड़ को चीर कर भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा के लिए रास्ता बनाते हैं और लोगों को नियंत्रित करने का काम करते हैं ताकि रथयात्रा के सामने किसी तरह की भीड़ ना जुटे और रथ यात्रा में किसी तरह की बाधा उत्पन्न ना हो। इसके लिए देवता नाग धूंबल हारियानों के कंधे पर भीड़ के बीच में दौड़ते हैं और रथ यात्रा के लिए रास्ता बनाते हैं।
लिहाजा ऐसे में देवता धूंबल नाग की भी अहम भूमिका रहती है। परंतु इस बार करोना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए प्रशासन और दशहरा समिति और देव समाज ने 7 देवी-देवताओं के उत्सव में भाग लेने पर सहमति जताई थी परंतु इस बीच अब देवता धूंबल नाग भी हारियानों के साथ कुल्लू पहुंच गए हैं। जबकि उधर डीसी ने उत्सव के दौरान 7 देवी देवताओं के अलावा अन्य देवी-देवताओं के हारियानो पर धारा 144 लगाने की अधिसूचना जारी की है। ऐसे में अब जिला प्रशासन भी असमंजस में पड़ गया है।