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स्वास्थ्य निदेशक ने मिलने से किया इनकार तो ऑफिस में घरने पर बैठ गए एमएलए सिंघा
शिमला। हिमाचल के अधिकांश अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल कैसा है ये तो वही लोग जानते हैं जो इन अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचते हैं। कहीं पर डॉक्टर नहीं है तो कहीं पर मशीनें नहीं है। बात करते हैं शिमला जिला के ठियोग की। ठियोग अस्पताल में डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की कमी चल रही है। बार-बार सरकार से मांग करने के बाद भी जब इनको भरा नहीं गया तो ठियोग के माकपा विधायक, कार्यकर्ताओं , स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों व अन्य लोगों के साथ स्वास्थ्य विभाग के निदेशक के दफ्तर पर धरने पर बैठ गए। हालांकि उन्होंने स्टाफ को लेकर निदेशक से बात करनी चाहि लेकिन उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया। हैरानी इस बात ही है कि 150 वाला यह अस्पताल महज 4 नर्सों के सहारे चल रहा है।
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घरने पर बैठे माकपा विधायक राकेश सिंघा( CPI(M) MLA Rakesh Singha) ने कहा कि 150 बिस्तर वाला ठियोग हॉस्पिटल महज 4 नर्सों की सहायता से चल रहा है । उन्होंने कहा कि ठियोग हॉस्पिटल में विभिन्न विभागों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर पहले से ही नहीं थे लेकिन एनेस्थीसिया का जो डॉक्टर नियुक्त किया था, उसका भी सरकार ने तबादला कर दिया । इस विषय मे उन्होंने सरकार और विभाग का हर स्तर पर दरवाजा भी खटखटाया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई । विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि जब इस विषय में स्वास्थ्य निदेशक से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने बातचीत करने से इनकार कर दिया । इसलिए उनके और लोगों के पास यह आखरी विकल्प है। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें मानी नही जाती है तब तक वह उठने वाले नहीं है और यह धरना अनिश्चित कालीन चलता रहेगा ।
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