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Himachal : गोविंद सागर जलाश्य में मछली बेचने के लिए अपनाई जाएगी ई-टेंडर प्रक्रिया
शिमला। हिमाचल में मछुआरों (Fishermen) द्वारा पकड़ी गई मछली को ई-टेंडर (E-tender process) के माध्यम से बेचा जाएगा। इससे मछुआरों और सभाओं की आर्थिकी में सुधार होगा और आय में भी वृद्धि होगी। यह बात पशुपालन एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर (Minister Virender Kanwar) ने गुरुवार को कही। उन्होंने बताया कि गोविंद सागर जलाश्य में मछुआरों द्वारा पकड़ी जाने वाली मछली (Fish) को ई-टेंडर के माध्यम से विक्रय करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से गोविन्द सागर में मत्स्य उत्पादन 753.64 मीट्रिक टन से घटकर 286.67 मीट्रिक टन रहने के कारण मछुआरों और सभाओं को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। इसके दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है।
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उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से उस व्यक्ति को ठेका प्रदान किया जाएगा जो प्रचलित विक्रय दर पर कम से कम 10 प्रतिशत और इससे अधिक की बढ़ौतरी देगा। इससे मछुआरों और सभाओं की अर्थिक स्थिति में सुधार होगा और आय में वृद्धि होंगी तथा मछुआरे बेहतरीन आजीविका अर्जित करने में सक्षम होंगे। वीरेंद्र कंवर ने कहा कि विभाग मत्स्य उत्पादन (Fish production) बढ़ाने के लिए उत्तम किस्मों के बड़े आकार के मछली बीज का संग्रहण करने के साथ.साथ अवैध मत्स्य आखेट की रोकथामए बंद सीजन के दौरान राहत भत्ताए जाल इत्यादि उपकरणों पर वित्तीय सहायता प्रदान करने के साथ.साथ मछुआरों के सामाजिक उत्थान के लिए अन्य कल्याणकारी योजनाओं को भी प्रभावशाली तरीके से लागू कर रहा है।