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भगवान के प्रति भक्त की अटूट श्रद्धा, 89 दिन की दंडवत यात्रा के बाद हिमाचल पहुंचा बुजुर्ग दंपति
ऊना। आज तक आपने मन्नत पूरी होने या मांगने के लिए श्रद्धालुओं को भगवान के दरबार दंडवत होकर जाते हुए देखा होगा। लेकिन देवभूमि हिमाचल (Himachal) की सीमा में सोमवार को एक ऐसे बुजुर्ग दपंति (Elderly Couple) ने प्रवेश किया, जो कि बिना किसी मन्नत या मुराद के अपनी खुशी से पिछले 89 दिनों से दंडवत होकर प्रदेश के विभिन्न देवी मंदिरों में दर्शन के लिए निकला है। भरा पूरा परिवार है 3 पुत्र बहुएं और पोते पोतियो घर में खेल रहे हैं ऐसे में इस दंपति ने इसी तरह से तीरथ यात्रा करने का प्रण किया है। राजस्थान के जिला अवलर के गांव माले खेड़ा से संबंध रखने वाले इंद्र भगत व उनकी धर्मपत्नी शांति देवी बारी-बारी कर दडवंत होकर अपना सफर तय कर रहे हैं।
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राजस्थान के अलवर जिला के तहत पड़ते माले खेड़ा गांव निवासी 67 वर्षीय इंद्र भगत और उनकी 65 वर्षीय धर्म पत्नी शांति देवी घर से ही दंडवत (Dadwant Yatra) होकर हिमाचल प्रदेश में मां चिंतपूर्णी, मां ज्वाला जी, माता कांगड़ा वाली और मां चामुंडा के दर्शनों के लिए निकले हैं। बुजुर्ग दंपति की यह अगाध आस्था हजारों लोगों की चर्चा का केंद्र बनी हुई है। हालांकि इतिहास साक्षी है कि मां के दरबार में मांगी गई मन्नत पूरी होने पर या फिर किसी चाह के वशीभूत होकर श्रद्धालु मां के दरबार में दंडवत होकर पहुंचते रहे हैं। लेकिन वृद्धावस्था के इस पड़ाव में पहुंच रहे इस दंपति ने बिना किसी मन्नत मुराद के अपनी खुशी से हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में तमाम देवियों के दर्शन दंडवत होकर करने का प्रण किया और निकल पड़े घर से।
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भरा पूरा परिवार तीन पुत्र, तीन बहुएं, पोते पोतियां, एक बेटी, जमीन जायदाद और अच्छा काम धंधा। सब कुछ होने के बावजूद इस दंपति ने अपनी खुशी से दंडवत होकर माताओं के दर्शन करने के लिए यात्रा शुरू की। इंद्र भगत कहते हैं कि वह पहले भी 29 बार वाहनों के माध्यम से देवियों के दर्शनों के लिए हिमाचल आ चुके हैं, लेकिन इस बार पति पत्नी दोनों ने दंडवत होकर माता के दर्शन करने का संकल्प लिया है। कुछ लोगों ने उन्हें पैसे भी देने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने वह पैसे लेने से इनकार करते हुए कहा कि वह अपना खर्च उठाने में सक्षम है और अपनी खुशी से माता के दरबार की यात्रा कर रहे हैं। उनकी इस यात्रा में राह में मिलने वाले लोग भी उनका काफी सहयोग कर रहे हैं। इंद्र भगत ने बताया कि करीब 2 माह 29 दिन पूर्व उनकी यात्रा राजस्थान (Rajasthan ) के अलवर जिला के तहत पड़ते माले खेड़ा गांव स्थित उनके निवास से शुरू हुई है। प्रथम चरण में यह दम्पती मां चिंतपूर्णी के दर्शन करने के बाद ज्वाला जी की तरफ रुख करेगा। इसके बाद माता कांगड़ा वाली और मां चामुंडा के दर्शन के लिए रवाना होगा।
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