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30 दिसंबर को Sindhu Border से टीकरी व शाहजहांपुर तक ट्रैक्टर मार्च करेंगे #किसान
Last Updated on December 27, 2020 by
नई दिल्ली। कृषि कानूनों खिलाफ दिल्ली-हरियाणा के सिंधु बॉर्डर (Sindhu Border) पर किसानों का प्रदर्शन रविवार को 32वें भी जारी है। दिल्ली-हरियाणा और यूपी के बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं जिस वजह से दिल्ली-एनसीआर के लोगों को आवाजाही में दिक्कत आ रही है। इसी बीच किसान नेता सरकार के साथ 29 दिसंबर को 11 बजे बैठक के लिए मान गए हैं। बातचीत के लिए चार प्रमुख मांगें रखी हैं और इसका प्रारूप भी सरकार को भेजा है। किसान नेता डा. दर्शनपाल सिंह ने कहा कि 27 व 28 दिसंबर को गुरु गोविंद सिंह के छोटे साहिबजादों की शहादत दिवस मनाए जाएंगे और इसके बाद 30 दिसंबर को किसान ट्रैक्टर लेकर मार्च (Tractor march) करेंगे। इसमें सिंधु बार्डर से टीकरी और शाहजहांपुर तक किसान मार्च करेंगे।
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किसानों ने एक जनवरी को नया साल दिल्ली व हरियाणा निवासियों को उनके साथ मनाने का न्योता दिया है। वहीं, नोएडा के सेक्टर 14 ए स्थित चिल्ला बार्डर पर पिछले 27 दिन से धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन (भानु) के कार्यकर्ताओं ने रविवार को धरना स्थल पर ताली-थाली बजाकर नए कृषि कानूनों (New agricultural law) के प्रति अपना विरोध जताया। किसानों का कहना है वह पिछले कई दिन से धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों की अनसुनी कर रही है। किसानों ने कोरोना काल में ताली-थाली बजाकर सरकार का समर्थन किया था, लेकिन अब ताली-थाली बजाकर विरोध जताया है।
बुराड़ी में खाली जमीन पर प्याज उगाने की सोच रहे किसान
यूपी गेट पर दिल्ली से गाज़ियाबाद (Delhi to Ghaziabad) जाने वाली लेन को भी किसानों ने बंद किया। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि वे फसल उगाने के लिए बुराड़ी में निरंकारी समागम मैदान का उपयोग कर रहे हैं। एक किसान का कहना है, “चूंकि हम विरोध प्रदर्शन के दौरान एक महीने से बेकार बैठे हैं, हमने प्याज उगाने के बारे में सोचा, क्योंकि हम इसे अपने दैनिक खाना पकाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। हम बुराड़ी के मैदान में फसल उगाएंगे।” गाज़ीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अरदास की। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर राजस्थान सीमा में शाहजहांपुर बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसान डटे हुए हैं।