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पैरासिटामोल सहित 800 दवाओं के चुकाने होंगे 10% ज्यादा दाम
Last Updated on March 26, 2022 by sintu kumar
आम आदमी पर महंगाई की मार हर रोज पड़ रही है। पेट्रोल-डीजल और एलपीजी गैस के बढ़ते दामों के बीच अब दवाएं भी महंगी होने जा रही हैं। अप्रैल से 800 से ज्यादा जरूरी दवाओं (Essential Medicines) के दाम में सीधे 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होने जा रही है। इनमें बुखार, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, त्वचा रोग और एनीमिया के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाएं भी शामिल हैं। पेट्रोल-डीजल के दामों में रोज इजाफा हो रहा है, अधिकांश शहरों में पेट्रोल पहले से 100 के पार हो चुका है, ऐसे में ये बढ़ोतरी आम आदमी के लिए परेशानी का सबब बन गई है।
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डीजल भी लगातार महंगा होने से आने वाले दिनों में खाने.पीने की वस्तुओं के दामों में बेतहाशा तेजी आने की भी आशंका बनी हुई है। इस बीच, महंगाई का असर दवाओं पर भी पड़ गया है। केंद्र सरकार ने शेड्यूल ड्रग्स की कीमतों में वृद्धि (Increase) को हरी झंडी दिखा दी है। इस वजह से अप्रैल से 800 से ज्यादा जरूरी दवाएं 10 प्रतिशत से भी ज्यादा महंगी हो जाएंगी।
अगले महीने से पेन किलर और (Antibiotics such as Paracetamol) एंटीबायोटिक जैसे पेरासिटामोल, फ़िनाइटोइन सोडियम, मेट्रोनिडाजोल जैसी जरूरी दवाओं के लिए भी हर किसी को ज्यादा दाम चुकाने होंगे। नेशनल फार्मा प्राइसिंग अथॉरिटी के मुताबिक, थोक मूल्य सूचकांक में तेजी के चलते से ऐसा होने जा रहा है। पहली अप्रैल से दवाओं की कीमतों में इजाफा देखने को मिलने लगेगा। याद रहे कि कोरोना महामारी के बाद से (Pharma Industry) फार्मा इंडस्ट्री दवाओं की कीमत बढ़ाए जाने की लगातार मांग कर रही थी। इसके बाद शेड्यूल ड्रग्स के लिए कीमतों में 10.7 प्रतिशत बढ़ोतरी की मंजूरी दी गई है। शेड्यूल ड्रग्स में आवश्यक दवाएं शामिल होती हैं और इनकी कीमतों पर नियंत्रण होता है।