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तीन साल तक मृत मां की पेंशन डकारता रहा सरकारी अधिकारी, ऐसे हुआ पर्दाफाश
Last Updated on April 3, 2022 by Vishal Rana
नाहन। एक सरकारी कर्मचारी (Government employee ) अपनी मृत मां की तीन साल तक पेंशन डकारता रहा। नाहन पुलिस ने जिला कोषाधिकारी सिरमौर (Sirmour) की शिकायत पर पशुपालन विभाग के उपनिदेशक कार्यालय में तैनात अधीक्षक के खिलाफ आइपीसी की धारा 420, 468 व 471 के तहत मामला दर्ज किया है। जिला कोषाधिकारी (District Treasury Officer) ने पुलिस को सौंपी शिकायत में कहा कि स्व. मीना देवी द्वारा पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के माध्यम से प्रदेश सरकार की ओर से पेंशन ली जा रही थी। अगस्त 2021 में पेंशन खाते में क्रेडिट नहीं हुई। इसी बीच पीएनबी की शिमला शाखा ने कार्यालय को बैंकर चेक (Banker’s Check) प्रेषित किया। इसके बाद जब बैंक को संपर्क किया गया, तो बैंक ने सूचित किया कि मीना देवी की मृत्यु पांच अक्टूबर, 2018 को हो चुकी है। जांच में पता चला कि पेंशनधारी महिला के फर्जी लाइफ सर्टिफिकेट (Fake Life Certificate) को कार्यालय में प्रस्तुत किया जा रहा था। इसी के आधार पर पेंशन (Pension) जारी हो रही थी। इसके बाद जिला कोषाधिकारी कार्यालय ने इस मामले को पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक (Assistant Director) के समक्ष भी उठाया।
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दो जनवरी, 2020 को सत्यापित किए गए लाइफ सर्टिफिकेट (Life Certificate) के बारे में सहायक निदेशक ने अवगत करवाया कि इस तरह का कोई भी प्रमाण पत्र (Certificate) सत्यापित नहीं किया गया है। इसी तरह से सात जुलाई, 2021 को लाइफ सर्टिफिकेट सत्यापित करने वाले अधिकारी से भी जिला कोषाधिकारी कार्यालय ने संपर्क किया, तो उन्होंने भी सत्यापन से इन्कार किया गया। इसके बाद समूचे घटनाक्रम से ट्रेजरी, अकाउंट्स (Accounts) व लाटरीज निदेशक को अवगत करवाया गया। वहां से इस मामले में एफआइआर (FIR) दर्ज करवाने के निर्देश दिए गए।
उधर, सूत्रों ने बताया कि मामला दर्ज करने से पहले पुलिस (Police) ने शुरुआती जांच भी की। जिला कोषाधिकारी राकेश ठाकुर से सरसरी तौर पर पूछताछ की गई। इसमें पता चला कि संजय सोढ़ी ने पेंशनभोगी माता की 2018 में मृत्यु के बाद भी 2021 तक जीवित होने का फर्जी प्रमाण पत्र (Fake Certificate) देकर पेंशन हासिल की। मरणोपरांत तब तक पेंशन जाती रही, जब तक मामला सामने नहीं आया। हालांकि बताया यह भी जा रहा है कि 337509 रुपए की राशि ट्रेजरी में जमा भी करवाई जा चुकी है, लेकिन ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि धोखे से हासिल की गई पूरी राशि जमा करवा दी गई है या नहीं। उधर, जिला सिरमौर नाहन मुख्यालय में डीएसपी हेडक्वार्टर मीनाक्षी शाह ने मामला दर्ज होने की पुष्टि की है।
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फर्जी प्रमाण पत्र से खरीदी कृषि योग्य भूमि मामला दर्ज
नाहन। हिमाचल के सिरमौर जिला में फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर कृषि भूमि खरीदने का मामला सामने आया है। पीड़ित ने एसपी नाहन को शिकायत सौंपी थी जिसके बाद पुलिस थाना में मामला दर्ज कर आगामी जांच शुरू की गई है। मामले जिला मुख्यालय नाहन में फर्जी हिमाचली व कृषक प्रमाण पत्र बनाकर कृषि भूमि खरीदने का है।
शिकायतकर्ता दिनेश चौहान ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया है कि संजीव सैनी, राकेश सैनी व राजीव सैनी ने मियां का मंदिर नाहन में खसरा नंबर 200 से 203, 449 से 453 में 13358 वर्ग मीटर रिहायशी संपत्ति खरीदी है। यह सभी गैर कृषक हैं। इन सभी ने कृषि योग्य भूमि में बगीचा लगाने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश सरकार से धारा 118 के तहत टेनेंसी एंड लैंड रिफॉर्म्स एक्ट के तहत आवेदन किया तथा हिमाचल प्रदेश सरकार के पत्र संख्या Rev.B(F) 10-295/2000 दिनांक 29 जून 2001 से अनुमति प्राप्त की। इस अनुमति के आधार पर 474436 वर्ग मीटर भूमि खसरा नंबर 52171 एवं 526 जो अब बदलकर 1049/521 में नौनी के बाग में जमीन खरीदी। राकेश सैनी और संजीव सैनी अपात्र होते हुए तहसील कार्यालय नाहन से फर्जी तरीके से हिमाचली तथा कृषक प्रमाणपत्र प्राप्त किए। मिथिलेश सैनी व संजीव सैनी ने फर्जी तौर पर कृषक प्रमाण पत्र बनवाए।
राकेश सैनी ने कार्यकारी अधिकारी नाहन के समक्ष झूठे तथ्य तथा झूठा शपथ पत्र देकर नौनी के बाग में 16 जून 2005 को भूमि खरीदी। दिनेश चौहान की शिकायत पर पुलिस थाना नाहन में धोखाधड़ी का विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर आगामी छानबीन शुरू कर दी है। जिला सिरमौर के पुलिस अधीक्षक ओमापति जम्वाल ने मामला दर्ज होने की पुष्टि की है।