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HPU कोर्ट सदस्यों की अनुपस्थिति पर राज्यपाल खफा, जवाबदेही -जिम्मेदारी बढ़ाने के दिए निर्देश
Last Updated on February 17, 2021 by Sintu Kumar
शिमला। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ( Governor Bandaru Dattatreya) ने छात्रों की शैक्षणिक आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए समकालीन चुनौतियों का सामना करने के लिए युवाओं में साहस और क्षमता का निर्माण करने को कहा। वे आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ( HPU) के 32वें वार्षिक कोर्ट ( Annual court) की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आंतरिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होनें सदस्यों को जवाबदेही और जिम्मेदारी बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने विवि कोर्ट के कुछ सदस्यों की अनुपस्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने और वार्षिक लेखा और वार्षिक रिपोर्ट को समयबद्ध तरीके से तैयार करने पर बल दिया।
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दत्तात्रेय ने कहा कि विश्वविद्यालय को अपनी आय बढ़ाने और अनुसंधान और विकास पर जोर देना चाहिए। ऊष्मायन केंद्र व स्टार्ट-अप्स स्थापित करना चाहिए और पेटेंट प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विवि की कुल आय की तुलना में खर्चा बहुत अधिक है, जो अनुसंधान, नवाचार और नई परियोजनाओं के लिए बहुत कम गुंजाइश रखता है। उन्होंने कहा कि हमें तीन प्रमुख तत्वों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो राष्ट्र की प्रगति में योगदान देते हैं। इनमें शिक्षा, रोजगार और सशक्तिकरण शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जब देश के युवा शिक्षित होते हैं तब राष्ट्र मजबूती के साथ आगे बढ़ता हैं।एक मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य करने का समस आ गया है और यह तभी संभव है जब युवाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो सके।उन्होंने शैक्षणिक और अनुसंधान गतिविधियां आयोजित कर विद्यार्थियों को युवा के रूप में परिणत कर विभिन्न चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाने को कहा। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के 50 वर्ष पूरे होने पर वृत्तचित्र-एचपी यूनिवर्सिटी प्रेजेंट, पास्ट एंड फ्यूचर का विमोचन किया। उन्होंने कुलजीत का एक संशोधित संस्करण भी जारी किया।बैठक में विश्वविद्यालय न्यायालय ने वर्ष 2016-17 के वार्षिक खातों और वर्ष 2018-19 की वार्षिक रिपोर्ट को भी मंजूरी दी।