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सदियों पुरानी परंपरा सहेज रहे ये युवा ,8 दिनों तक भिक्षा मांग करते हैं गुजारा
Last Updated on September 4, 2023 by sintu kumar
ऊना। जिला में इन दिनों रक्षाबंधन से गूगा नवमी तक चलने वाले देवी -देवताओं के छत्रों को लेकर हर वर्ग में खासा उत्साह देखा जा रहा है। सदियों से चली आ रही इस परंपरा का निर्वहन आज भी लगातार जारी है। 9 दिन तक चलने वाले इस धार्मिक समागम को निष्ठा और पवित्रता के साथ निभाया जाता है। यहां तक की बड़े ओहदो पर काम करने वाले लोग भी विशेष रूप से इन नौ दिनों की छुट्टी की व्यवस्था करते हुए पूरा समय सेवा में व्यतीत करते हैं। रक्षाबंधन के दिन देवी देवताओं के स्थान पर उन्हीं के छत्रों को मौली बांधकर श्रृंगार किया जाता है। इसके बाद यह मंडली छत्र लेकर घर-घर जाती है और देवी देवताओं की महिमा का गुणगान करती है।
मंडली हर घर में देवी देवताओं का कर रही गुणगान
जिला मुख्यालय के समीपवर्ती गांव डंगोली के सिद्ध बाबा भर्तृहरि मंदिर से छत्र लेकर निकले सेवक राजेश कुमार में बताया कि इन परम्पराओं का निर्वहन उनके पूर्वज करते रहे हैं, जबकि अब वह भी इसको निभा रहे हैं, जबकि वह अपनी अगली पीढ़ी को भी इस संस्कृति का निर्वहन करने की सीख दे रहे हैं। वहीं छत्र मंडली के सेवक राजेश्वर शर्मा ने बताया छत्र के साथ चल रही मंडली हर घर में देवी देवताओं का गुणगान कर रही है, जबकि छत्र को देवी-देवता स्वरूप मानते हुए हर घर मे उसका स्वागत किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि छत्र को रात भर अपने घर में ठहराने को सबसे पवित्र माना जाता है, जहां पूरी मंडली का सेवा भाव से आदर सत्कार किया जाता है।
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