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मैसर्स अदाणी पावर लिमिटेड के 280 करोड़ ब्याज सहित लौटने से जुड़े मामले पर सुनवाई 20 को
Last Updated on May 23, 2023 by sintu kumar
शिमला। मैसर्स अदाणी पावर लिमिटेड के 280 करोड़ रुपए ब्याज सहित लौटने से जुड़े मामले पर अंतिम सुनवाई 20 जून को होगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ के समक्ष सरकार और अडानी ग्रुप द्वारा एक दूसरे के विरुद्ध दायर अपीलों पर सुनवाई हुई। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट की एकल पीठ ने सरकार को जंगी-थोपन-पोवारी विद्युत परियोजना के लिए जमा किए गए 280 करोड़ रुपए की राशि वापिस करने के आदेश दिए थे। सरकार ने इस मामले में अपील करने में देरी कर दी थी। अतः सरकार को अपील दायर करने में हुई देरी को माफ करने की अर्जी भी देनी पड़ी थी। सरकार ने फीस वापसी के आदेशों पर रोक लगाने की गुहार भी लगाई थी परंतु कोर्ट ने एकल पीठ के आदेशों पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।
सरकार ने फीस वापसी के आदेशों पर रोक लगाने की गुहार भी लगाई थी
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने गत 12 अप्रैल को जारी फैसले में सरकार को आदेश दिए थे कि वह 4 सितंबर, 2015 को कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार दो महीने की अवधि में यह राशि वापस करे । एकल पीठ ने यह आदेश मेसर्स अदाणी पावर लिमिटेड द्वारा दायर याचिका पर पारित किये थे और यह आदेश भी दिए थे कि यदि सरकार यह राशि दो माह के भीतर प्रार्थी कंपनी को वापिस करने में विफल रहती है तो उसे 9 फीसदी सालाना ब्याज सहित यह राशि अदा करनी होगी। .
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12 अप्रैल को पारित इस फैसले को सरकार ने अपील के माध्यम से खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी है। कंपनी ने विशेष सचिव (विद्युत) के 7 दिसंबर, 2017 को जारी पत्राचार को हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर कर चुनौती दी थी। कोर्ट ने कंपनी की याचिका को स्वीकारते हुए 7 दिसम्बर 2017 को जारी आदेश को रद्द करते हुए एकल पीठ ने कहा था कि जब कैबिनेट ने 4 सितंबर, 2015 को, प्रशासनिक विभाग द्वारा तैयार किए गए विस्तृत कैबिनेट नोट पर ध्यान देने के बाद, स्वयं ही यह राशि वापस करने का निर्णय लिया था तो समझ में नहीं आता कि अपने ही निर्णय की समीक्षा करने का निर्णय किस आधार पर लिया गया।